अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
जनपद कारागार सिद्धार्थनगर में गांजा बेचें जाने के मामले में डिप्टी जेलर समेत चार जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जिला जज और जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान एक कैदी नें डिप्टी जेलर पर गांजा बिकवाने का आरोप लगाया था। मौके से माचिस की डिबिया में गांजा भी मिला था। इसकी जांच के बाद उक्त कार्रवाई की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 25 सितंबर को जनपद न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी सहित कई अधिकारियों नें जिला कारागार का निरीक्षण किया था। उस दौरान पाॅक्सो एक्ट के तहत निरुद्ध एक बंदी नें जिलाधिकारी से डिप्टी जेलर पर उससे जेल में जबरन गांजा बिकवाने का आरोप लगाया। उसने बताया कि उक्त लोग उससे पुड़िया बेचने के लिए कहते हैं। मना करने पर मारा-पीटा जाता है। उसनें जिलाधिकारी को अपने शरीर पर चोटों के निशान भी दिखाए। जिलाधिकारी नें बंदी से इसका प्रमाण मांगा तो उसनें एक माचिस की डिबिया में गांजा दिखाया। बंदी नें जिला कारागार स्थित अस्पताल के पीछे मिट्टी में गांजा दबे होने की बात भी बताई। बाद में वहां खोदाई में गांजा बरामद हुआ।
इसके बाद डीआइजी जेल एसके मैत्रीय को मामले की जांच सौंपी गई। उन्होंने जेल का निरीक्षण किया, जिसमें डिप्टी जेलर त्रिलोकी नाथ, हेड वार्डन फूलचंद्र यादव और जेल वार्डन उमेश कुमार और सौरभ की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके बाद सभी को निलंबित कर दिया गया। चारों के निलंबन की पुष्टि जेल अधीक्षक सचिन वर्मा ने किया है। जिला जेल के अंदर हुए उक्त कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।