अजीत पार्थ न्यूज लखनऊ
नई शिक्षा नीति के तहत बनाए गए पाठ्यक्रम में आगामी सत्र में एनसीईआरटी की बारहवीं कक्षा की जो किताबें आएंगी, उसमें महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ तथा रघुपति सहाय श्रीवास्तव ‘फिराक गोरखपुरी’ की रचनाएं अब नहीं पढ़ाई जाएंगी। उनकी रचनाओं को 12 वीं के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है ।
उल्लेखनीय है कि छायावाद के प्रमुख कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कविताएं तो बहुत हैं, जिसमें “वह तोड़ती पत्थर” नामक कविता आम जनमानस में सर्वाधिक लोकप्रिय है। ‘फिराक गोरखपुरी’ के नाम से मशहूर रघुपति सहाय श्रीवास्तव के नज्म एवं गजल बहुत लोकप्रिय है। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राध्यापक भी रहे हैं।