(पवन कुमार मिश्र छावनी बस्ती)
जनपद के छावनी थाना अंतर्गत सेवरा लाला ग्राम के निकट सोमवार की सुबह करीब पौने आठ बजे बच्चों को स्कूल ले जा रही वैन अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे वैन में सवार कुल 17 बच्चों में से अधिकतर घायल हो गए। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल तीन बच्चों को परिजन ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से हालत गंभीर देख चिकित्सकों नें उन्हें अयोध्या रेफर कर दिया। स्थानीय थाना क्षेत्र में हुई उक्त घटना के बाद अभिभावकों में रोष व्याप्त है
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के सेवरा लाला ग्राम के निवासी छात्र दीप्ति, दिव्यांशी, संतोषी पुत्री गण धर्मराज, जिया फातिमा पुत्री मोहम्मद सिकंदर, आतिफ खान, हमारा खान पुत्रगण अब्दुल रहीम, मोहम्मद अजमल पुत्र अमजद हुसैन, मोहम्मद फैजान पुत्र इश्तियाक, अब्दुल समद पुत्र कबीर, रेहाना पुत्री जबर अली, एलिजा सिद्दीकी पुत्री मकसूद अली, अमीर सिद्दीकी पुत्री मोहम्मद आलम सिद्दीकी, मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद अदनान पुत्रगण मोहम्मद इमरान, मोहम्मद अशफाक, हर्षित 14, दीपांशु,अर्पिता थाना क्षेत्र के अमोढा कस्बे में स्थित किंगलेट मिशन स्कूल में पढ़ते हैं। नित्य की तरह सोमवार को भी वैन में सवार होकर सभी बच्चे गांव से जैसे ही बाहर निकले, वैन अनियंत्रित होकर पलट गई। मौके पर बच्चों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार दुर्घटना के दौरान दीप्ति चौहान नाम की छात्रा वैन के नीचे दब गई थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। दुर्घटना की सूचना पर छावनी थाने से आरक्षी मुकेश यादव व केशव यादव मौके पर पहुंचकर भीड़ को शांत कराया व बच्चों की जानकारी लिया। घायल बच्चों का कहना है कि ड्राइवर अंकल उस समय मोबाइल से बात कर रहे थे, जिसकी वजह से उक्त दुर्घटना घटित हुई है। वहीं विद्यालय के प्रबंधक का कहना है कि घटना दुखद है, और जानकारी के बारे में पूछने पर कुछ भी बोलने से कतराने लगे।
∆∆•• बगैर परमिट दौड़ रहे हैं स्कूली वाहन
सोमवार को स्कूली बच्चों को ले जा रही दुर्घटना कोई नई नहीं है। न तो विद्यालय प्रबंधक ही इन बातों का ध्यान देते हैं और न ही अभिभावक ही । इससे पूर्व भी विगत वर्ष सेवरा लाला गांव के ही बच्चों की स्कूली ऑटो पलट गई थी, जिसमें दर्जनों बच्चे घायल हो गए थे। सोमवार को हुए उक्त हादसे वाहन चालक नें क्षमता से अधिक बच्चों को वैन में ठूंसकर भर रखा था। वाहन पर न तो कोई पीली पट्टी लगी थी और न ही टैक्सी पास होने का लोगो। जबकि नियम यह है कि स्कूल के बच्चों को लाने, ले जाने के लिए जो भी वाहन प्रयोग में लिए जाएंगे उनका आरटीओ में व्यावसायिक वाहन के रूप में पंजीकरण होना अनिवार्य है।