अजीत पार्थ न्यूज बस्ती
जनपद के परशुरामपुर थाना अंतर्गत पौराणिक श्रृंगीनारी धाम में समय माता मंदिर में भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी। मंदिर में घंटा घड़ियाल की ध्वनि व मां के जय घोष से मेला क्षेत्र गूंजायमान हो उठा। नवदंपति अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए मंदिर में विवाह का मौर चढ़ाते नजर आए। महिलाएं लपसी व पूड़ी की कराही चढ़ाकर अपने व परिवार के खुशहाली की मनौती मांग रही थी। मेले क्षेत्र में खिलौना, झूला, जलेबी, चाट, पकौड़ी, मिठाई व रोजमर्रा के सामानों की सजीधजी दुकानें आकर्षण के केंद्र में रहीं। बच्चे, महिलाएं एवं नौजवान समय माता मंदिर में दर्शन कर और मेला घूमकर खूब आनंद उठाया। मेले की सुरक्षा में थानाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, एसआई उमेश वर्मा, हेड कांस्टेबल राजेश सिंह, विकास सिंह, राघवेंद्र दुबे, पंकज कुमार, माला वर्मा, राहुल कनौजिया के साथ गौर पैकोलिया, हर्रैया व छावनी थानों की पुलिस तैनात रही।
उल्लेखनीय है कि विकास खंड परशुरामपुर अंतर्गत श्रृंगीनारी धाम रामायण काल से भक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है। सच्चे मन से मां के दरबार में आने वाले भक्तों की मनौती पूर्ण होती है। वैसे तो इस धाम में नवरात्रि के दिनों या प्रत्येक मंगलवार को मेला लगता है, लेकिन आषाढ़ मास का अंतिम मंगलवार बुढ़वा मंगल मेले के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि मख़ौड़ा धाम में महाराज दशरथ के पुत्र कामेस्ठी यज्ञ के उपरांत भगवान राम, लक्ष्मण भरत, शत्रुध्न पैदा हुए थे। यज्ञोपरांत श्रृंगीऋषि अपनी पत्नी शांता देवी के साथ श्रृंगीनारी धाम आए थे। कालांतर में श्रृंगीऋषि तपस्या करने कहीं अन्यत्र चले गए। शांता देवी मां भगवती की पिंडी बनाकर उपासना करने लगी और यहीं पर रह गईं। तभी से भक्तों की धाम के प्रति आस्था है और यहां मेला लगता रहा है। मेले की साफ-सफाई व पेयजल के लिए खंड विकास अधिकारी विनोद कुमार सिंह द्वारा श्रद्धालुओं को व्यवस्था प्रदान किया गया।