अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
मास्टर साहब लोगों को घर जाने की इतनी जल्दी थी कि लापरवाही में एक छात्र को विद्यालय के एक कमरे में ताला लगाकर बंद कर घर चले गए। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोगों नें विद्यालय में बच्चा बंद होने की सूचना अध्यापकों को दिया,तब जाकर बच्चा करीब पौने घंटे बाद कमरे से सकुशल निकाला जा सका।
पूरा मामला उन्नाव जनपद का है, जहां के शिक्षकों की लापरवाही की वजह से कक्षा एक का छात्र पौना घंटे विद्यालय में बंद रहा। बच्चे का रोना सुनकर लोग मौके पर पहुंचे और शिक्षक को बुलाकर कक्षा का ताला खुलवाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास खंड फतेहपुर चौरासी के ग्राम भुलभुलियाखेड़ा कंपोजिट विद्यालय के शिक्षकों की लापरवाही की वजह से कक्षा एक में पढ़ने वाला इसी गांव का निवासी आदर्श पुत्र राधेश्याम नामक कक्षा एक का छात्र मुसीबत में फंस गया। छुट्टी से पहले इसी स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बहन लक्ष्मी की कक्षा में चला गया और बेंच पर सो गया।
दोपहर दो बजे छुट्टी होने पर शिक्षकों ने जल्दी घर जाने की चक्कर में क्लास रूम को न चेक करके सभी शिक्षक क्लास और स्कूल में ताला लगाकर घर चले गए। कुछ देर बाद आसपास के लोगों ने एक छात्र का रोना सुना तो मौके पर पहुंचे।
उन्होंने बच्चे को ढांढस बंधाते हुए खिड़की के पास बुलाकर उसे बहलाने की कोशिश की। छात्र के पिता राधेश्याम नें खंड शिक्षा अधिकारी देवेंद्र सिंह को मामले की जानकारी दी तो उन्होंने प्रधानाध्यापक पंकज द्विवेदी से बात की और दो किलोमीटर दूर दबौली गांव में रहने वाले इसी विद्यालय के शिक्षक नेसेलाल को पुनः विद्यालय भेजकर ताला खुलवाया।उक्त विद्यालय पर सात अध्यापक सहित शिक्षामित्र एवं रसोइया की तैनाती है
करीब 2:45 बजे बच्चे को निकाला गया। छात्र के पिता राधेश्याम नें बताया कि स्कूल में बंद हो जाने से बच्चा काफी सहम गया है। बीईओ ने बताया कि बीएसए को रिपोर्ट भेजी गई है। जिस स्तर से भी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह के अनुसार जांच के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।