रजिस्ट्री एवं तहसील कार्यालय में एडीएम तथा एएसपी नें मारा छापा, तीन दलाल गिरफ्तार

∆∆•• छापेमारी के बाद रजिस्ट्री कार्यालय में मची भगदड़

बस्ती

अक्सर दलालों से घिरे रहने वाले कई सरकारी कार्यालयों में प्रशासन नें सोमवार को छापेमारी की। इस दौरान रजिस्ट्री कार्यालय, सदर तहसील, नगर पालिका कार्यालय,बीएसए कार्यालय आदि की जांच की गई। रजिस्ट्री कार्यालय में एक और तहसील कार्यालय से दो संदिग्ध लोगों को अधिकारियों नें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया,बाद में पूछताछ में पता चला कि वे लोग अपनी समस्या लेकर वहां पहुंचे थे। ऐसे में उनके अभिभावकों को बुलाकर उनके हवाले कर दिया गया। इस कार्रवाई से दिन भर हड़कंप मचा रहा।

एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान और एएसपी ओपी सिंह के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम पहले रजिस्ट्री कार्यालय पहुंची। यहां जब तक लोग कुछ समझ पाते अधिकारियों नें पूछताछ शुरू कर दिया। गनीमत रही कि छापेमारी सुबह करीब साढ़े बजे का ही था, इसलिए बिचौलिए की संख्या कम थी। अधिकाारियों का तेवर देखकर कुछ लोग कार्यालय से बाहर हो गए। इसी बीच एक व्यक्ति को दबोच लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने अपने उपस्थित होने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बता सका। एडीएम नें उसे अनधिकृत व्यक्ति मानते हुए तत्कार गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। टीम कार्यालय का जायजा लेने के बाद वापस लौट गई। इस दौरान एआईजी स्टांप के अलावा सब रजिस्टार ज्ञानेंद्र सिंह भी अपने कार्यालय में मौजूद रहे। सब रजिस्टार नें बताया कि पकड़ा गया व्यक्ति कार्यालय के बाहर घूम रहा था।

छापेमारी के बाद यहां सन्नाटा पसर गया। क्रेता- विक्रेता के साथ पंजीयन कराने आने वाले बिचौलियों के पांव जहां के तहां ठहर गए। केवल अधिवक्ता और दस्तावेज लेखक ही बैनामा कराने के लिए कार्यालय में पहुंच रहे थे। यहां तक कि उनके मुंशी भी पकड़े जाने की भय से दोपहर तक नहीं प्रवेश किए। इसके अलावा विभिन्न पटलों पर कर्मचारियों की मदद में अनधिकृत रूप से रहने वाले उनके निजी सहायक भी गायब रहे। प्रशासनिक टीम इस कार्यालय के बाद बगल में स्थित सदर तहसील के कार्यालय में पहुंची। यहां कर्मचारियों के पटल के पास से दो अनधिकृत लोग पकड़े गए। पूछने पर दोनों कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दे सकें। एडीएम नें दोनों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। छापेमारी के दौरान यहां भी भगदड़ मच गई। अधिकारियों, कर्मचारियों की कृपा पर सरकारी कार्य में अनधिकृत रूप हाथ बंटाने वाले लोग भाग खड़े हुए। ऐसे लोगों में दिन भर भय का माहौल रहा। कुछ कर्मचारी खुद उन्हें कार्यालय में न घुसने की सलाह देते रहे। टीम नें नगर पालिका कार्यालय में भी औचक छापेमारी की। मगर यहां स्थिति सामान्य रही।

सामान्य दिनों में रजिस्ट्री कार्यालय में बिचौलिए हावी रहते हैं। बैनामा कराने से लेकर विभिन्न पटलों के कामकाज निपटाने में भी इनकी अहम भूमिका रहती है। अधिकारियों, कर्मचारियों के अक्सर नजदीक रहने वाले 5 से 10 ऐसे बिचौलिए है जिन्हें अनजान लोग कार्यालय का कर्मचारी समझते हैं। यहां तक कि यह बिचौलिए बैनामा शुदा जमीनों का स्थलीय निरीक्षण करते भी देखे जाते हैं। तहसील कार्यालय का भी यहीं हाल है। कानूनगो, नायब तहसीलदार, माल खाना आदि कार्यालयों में बिचौलिए ही सरकारी काम निपटाते नजर आते हैं। अधिकारी और कर्मचारी इन लोगों पर भरोसा रखकर सरकारी अभिलेख तक सहेजने का दायित्व सौंप देते हैं। जिससे इनकी पहचान आम फरियादी नहीं कर पाते हैं।

एडीएम प्रति पाल सिंह चौहान के अनुसार सरकारी कार्यालयों में निरंतर छापेमारी की जाएगी। यदि कोई अनधिकृत व्यक्ति मिलेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। छापेमारी के दौरान तीन अनधिकृत लोगों को गिरफ्तार कराकर कोतवाली भेज दिया गया है।

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