अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
सरकार द्वारा आम जनता को नि: शुल्क इज्जत घर देने वाले अधिकारी खुद ही इज्जत लूट रहे हैं।
पूरा मामला जनपद बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र का है। जहां पर एक ग्राम निवासी छात्रा शहर के किसान डिग्री कॉलेज में परास्नातक में पढ़ाई कर रही है। पीड़ित छात्रा नें जिलाधिकारी मोनिका रानी को शिकायती पत्र देकर कहा है कि उसकी मां नें शौचालय के लिए आवेदन किया था। जिस पर विकास भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में उसे दीवाली से पहले बुलाया गया था। जहां पर महसी ब्लॉक के प्रभारी एडीओ पंचायत प्रवीण श्रीवास्तव अपने साथ डीपीआरओ के कार्यालय ले गए।
इसके बाद शौचालय दिलवाने के नाम पर जिला पंचायत राज अधिकारी आवास पर ले गए। उसके बाद डीपीआरओ के कमरे में होने और प्रभारी एडीओ पंचायत ने कमरे में जाने की बात कही। कमरे के अंदर जाने पर डीपीआरओ ने गलत हरकत किया। उसके बाद दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। इसके बाद संबंधित लोगों द्वारा पांच हजार रुपये दिया गया। छात्रा नें उक्त लोगों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है। छात्रा के अनुसार उसका वीडियो भी उन लोगों द्वारा बना लिया गया है।
छात्रा के अनुसार उसके मना करने के बाद भी प्रभारी एडीओ पंचायत द्वारा उसे कार से टिकोरा मोड़ छोड़ दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी नें मुख्य विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, सिटी मजिस्ट्रेट समेत पांच अधिकारियों की टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं आरोप लगने के बाद डीपीआरओ अवकाश पर चले गए हैं। जिलाधिकारी मोनिका रानी का कहना है कि शिकायती पत्र मिली है। जिसकी वह रिपोर्ट बना रही हैं उक्त रिपोर्ट शासन को भेजा जाएगा।