अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
मदरसों में आधुनिक शिक्षक के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एवं कनिष्ठ लिपिक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
पूरा मामला गोंडा जनपद का है। सूचना के अनुसार समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने गोंडा जिले के नगर कोतवाली थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि गोंडा जिले में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान डिप्टी डायरेक्टर नें लिपिक के साथ मिलकर कागजों में मदरसों का संचालन दिखाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है। एंटी करप्शन की जांच में 126 मदरसे लापता मिले, जबकि 357 मदरसों के डिस्पैच नंबर का मूल रजिस्टर से मिलान नहीं हो सका। पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।
समाज कल्याण विभाग के लखनऊ निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अमरजीत सिंह गोंडा जिले में करीब छः वर्ष तक समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात रहे। 21अप्रैल 2013 से 20 मई 2015 तक उनके पास जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का भी चार्ज रहा। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रहने के दौरान उन्होंने कार्यालय के तत्कालीन न लिपिक से मिलीभगत कर मदरसा आधुनिकीकरण योजना में जमकर फर्जीवाड़ा किया। वर्ष 2018 में जिले के तत्कालीन सांसद रहे कीर्तिवर्धन सिंह नें इसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण संगठन से करते हुए इसकी जांच की मांग किया था।
सांसद की मांग पर जब एंटी करप्शन टीम नें मामले की जांच शुरू किया तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। जांच में पाया गया कि तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नें मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत जिन 357 मदरसों की पत्रावलियों की सूची निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेजी गयी थी उनमें से महज 58 पत्रावलियों का मूल डिस्पैच रजिस्टर से मिलान हो पाया जबकि 299 मदरसों के डिस्पैच नंबर फर्जी पाए गए। स्थलीय जांच में 126 मदरसे गायब मिले। इन मदरसों का संचालन सिर्फ कागजों पर मिला। तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह विभाग के कनिष्ठ लिपिक मो.शमीम के साथ मिलीभगत कर इन 357 मदरसों में 800 शिक्षकों को कार्यरत दिखाकर उनके नाम पर मानदेय का भुगतान लेते रहे। दोनों ने मिलकर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया और सरकार को नुकसान पहुंचाया।
जांच में मदरसों की मान्यता व मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत मदरसों की पत्रावलियों को भेजने में अनियमितता भी सामने आई। जांच पूरी होने के बाद एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक धनंजय सिंह नें जिले के तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रहे समाज कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अमरजीत सिंह व कनिष्ठ लिपिक मो.शमीम के खिलाफ नगर कोतवाली में भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज करायी है। अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी राधेश्याम राय नें बताया कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन के प्रभारी निरीक्षक धनंजय सिंह की तहरीर पर नगर कोतवाली में तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह निवासी ग्राम देवरा, पोस्ट राजापुर सरैया, थाना गोसाईगंज, जनपद अयोध्या व शमीम अहमद निवासी मुन्नन खां चौराहा, निकट सद्भावना पुलिस चौकी, थाना कोतवाली नगर, जनपद गोण्डा हाल पता गोविंद बिहार कालोनी, चिनहट, लखनऊ के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन व साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी विवेचना भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सौंपी गई है।