•∆∆हमले में एक बच्चा एवं सिपाही घायल
•∆∆वकील के भेष में आया था हमलावर
अजीत पार्थ न्यूज ब्यूरो लखनऊ
बुधवार को शाम करीब चार बजे लखनऊ न्यायालय की एसीएसटी कोर्ट में पेशी के दौरान लाए गए कुख्यात अपराधी को जज के सामने ही गोली मार दी गई, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। घटना में एक बच्ची सहित एक सिपाही घायल हो गए हैं, जिन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार माफिया मुख्तार अंसारी गिरोह का प्रमुख सदस्य तथा पूर्व विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी एवं कृष्णानंद राय हत्याकांड का मुख्य आरोपी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की जज चेंबर में ही गोली मार दी गई। उक्त हत्या से वकीलों में सुरक्षा को लेकर रोष व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था।
इसी नौकरी के दौरान जीवा नें अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती दो करोड़ की मांगी थी। उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग होना भी अपने आप में बहुत बड़ी होती थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी।
इसके बाद उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्हदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी।
जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था
साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और हार गई थी।
संजीव की पत्नी पायल महेश्वरी नें कुछ दिन पहले ही जताई थी हत्या की आशंका, मांगी थी सुरक्षा।
भाजपा विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में जेल में बंद संजीव जीवा की पत्नी नें अपने पति की हत्या की आशंका जताई संजीव जीवा की पत्नी और रालोद नेता पायल माहेश्वरी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अपने पति की सुरक्षा की गुहार की है। पायल का कहना है कि पेशी के दौरान षड्यंत्र के तहत उनके पति की हत्या कराई जा सकती है।उन्होंने पति की सुरक्षा के लिए सीजेआई से उच्चाधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया था।
श्श्श्श्श्श्श
कुख्यात संजीव जीवा के हत्यारे की पहचान विजय यादव पुत्र श्यामा यादव निवासी केराकत, जिला जौनपुर के रूप में हुई है। घटना में सौरभ नाम के व्यक्ति के बच्चे को गोली लगी है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बच्चे के पीठ में तथा सिपाही के पैर में गोली लगी है। घटना में घायल दोनों का इलाज बलरामपुर अस्पताल चल रहा है।