∆∆••• पैकौलिया थाने के चोरखरी के नैपुरवा मे हिन्दू महिला की पिटाई का मामला
बस्ती
कप्तान साहब जरा पैकोलिया पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गौर फरमाईये, जिसके चलते पुलिस की थू-थू हो रही है। यहां की पुलिस पीड़ितों की नहीं, बल्कि खुद को आताताईयो की हिमायती साबित कर रही है, जबकि एक सप्ताह से पीड़िता के पति लखनऊ मेडिकल कॉलेज मे भर्ती हैं तो वहीं चार दिनों से पिटाई से घायल महिला जिला अस्पताल बस्ती दर्द से कराहते हुये आताताईयो को जेल की सलाखो के पीछे भेजने तथा खुद व अपने पति के स्वस्थ होने की दुआ मांग पुलिसिया नाकामी बयां कर रही है।
उल्लेखनीय है कि गुरूवार को पैकोलिया थाना क्षेत्र के चोरखरी ग्राम पंचायत के नैपुरवा मुस्लिम बाहुल्य गांव मे भटककर बगल के गांव की महिला पहुंच गई, तो उसकी मांग में सिंदूर व हाथों में चूड़ी पहने होने नाते, हिन्दू महिला की आताताईयो नें इस कदर पिटाई किया कि वह चार दिनों से जिला अस्पताल मे जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। उक्त मामले मे पैकोलिया पुलिस के आताताईयो की हिमायती होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस नें मामूली धाराओं में चार लोगो पर मुकदमा तो दर्ज कर दिया मगर गिरफ्तार नही कर पाई।
जबकि नैपुरवा गांव से लेकर उच्चाधिकारियो तक हिन्दू संगठन के लोग पीड़िता को न्याय दिलाने की मिन्नते मांग रहे हैं। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ घरे बैठी हुई अपने नाकामी का तमाशा देख रही है। सोशल मीडिया पर गौर करें तो बस्ती जिला ही नही प्रदेश भर मे जितनी किरकिरी पैकोलिया पुलिस की हो रही है शायद ही किसी थाने की हो इसके बाबजूद जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद मूकदर्शक बने हुए हैं। चर्चा यह भी है कि नैपुरवा गांव की मुस्लिम आबादी सपरिवार अपने घरो में ताला लगाकर गांव छोड़कर पलायन कर गए हैं।
हालांकि गांव मे चौकी प्रभारी हसीनाबाद के नेतृत्व में दो सिपाही व चार गार्ड तैनात किये गए हैं। क्षेत्र मे हो रही चर्चाओ पर गौर करें तो यदि डायल 112 व थानेदार की दी गई, सूचना पर पर पुलिस सक्रिय हो गई होती और लीपापोती करने के बजाए वास्तविक घटना को बगैर तोड़-मरोड़ किए हुए मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाई कर देती तो आमजनमानस मे इतना आक्रोश नही फैलता ।