रिपोर्ट- सुनील उपाध्याय महादेवा, बस्ती
मां में आस्था ऐसी की स्थानीय लोगों का तमाम विरोध भी एक नवजवान युवक के जूनून को डिगा नहीं सका। संकल्प लिया था कि गांव के लोगों को प्राचीन मां काली स्थान तक आने-जाने के लिए सर्वसुलभ मार्ग का निर्माण कराऊंगा, तो उसका परिणाम प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीणों के समक्ष आ चुका है।
उल्लेखनीय है कि विकास खंड बनकटी अंतर्गत खड़ौहा ग्राम में प्राचीन काली माता स्थान पर विगत सत्तर वर्षों से श्रद्धालुओं को आने-जाने का कोई मार्ग नहीं था। माता के उपासक बड़ी कठिन परिस्थिति से गुजरते हुए मां के स्थान तक जा पाते थे। श्रद्धालुओं के कष्ट को देखते हुए ग्राम निवासी एवं प्रधान प्रतिनिधि रणजीत उपाध्याय नें काली माता स्थान तक आवागमन हेतु मार्ग बनवाने का निर्णय लिया, किंतु इस मार्ग में बाधा बहुत थी, स्थिति यह थी कि प्राचीन स्थान तक जाने के लिए रास्ते हेतु कोई भी व्यक्ति एक इंच भी जमीन नहीं देने को तैयार था, ऐसी स्थिति में रणजीत नें बड़ा फैसला लेते हुए पहले मंदिर से सटे जमीन को खरीदा और उक्त खरीदी हुई जमीन में से मां के दर्शन हेतु इंटरलॉकिंग युक्त रास्ता बना दिया, साथ ही मंदिर परिसर का सुन्दरीकरण के साथ-साथ रंगाई पुताई करा दिया, जिससे मंदिर दिव्य एवं भव्य दिखाई देने लगा।
ग्राम निवासी बुजुर्ग महिलाएं ज्ञानमती, राधिका देवी, श्यामवती, कालिंदी देवी, शैल कुमारी व उषा देवी नें बताया कि काली माता स्थान तक जाने के लिए रास्ता नहीं होने से काफी संकट का सामना करना पड़ता था। स्थिति यह होती थी कि बहू-बेटी के घर आगमन पर माता को चढ़ाए जाने धार को वह सड़क पर चढ़ाती थीं, इसी के साथ-साथ, समय-समय पर जेवनार इत्यादि चढ़ाने के लिए ठंडी, गर्मी और बरसात के महीनों में रास्ते के अभाव में बहुत समस्या होती थी।
ग्रामीण बुजुर्ग जगदम्बा प्रसाद उपाध्याय, ब्रह्मदेव उपाध्याय, रामजन्म यादव, सुरेंद्र उपाध्याय, रमेश उपाध्याय, संजय उपाध्याय, प्रमोद उपाध्याय, राकेश उपाध्याय, जयराम विश्वकर्मा, रामबृक्ष चौधरी, आज्ञाराम चौधरी, अनिरुद्ध उपाध्याय, भीम उपाध्याय, शुभम उपाध्याय, परशुराम चौधरी व रामबृक्ष चौधरी का कहना है कि हम लोगों की मां में बहुत अगाध श्रद्धा एवं आस्था है, हर साल माता के स्थान पर वार्षिक भंडारा एवं रामचरित मानस पाठ के साथ-साथ कीर्तन आयोजित होता है, मंदिर पर आने के लिए रास्ता न होने की वजह से भक्तों को काफी संकट का सामना करना पड़ता था। अब मार्ग बन जाने से संपूर्ण ग्राम में हर्ष का वातावरण है।