अजीत पार्थ न्यूज
वर्तमान समय में सावन मास के साथ-साथ मलमास भी चल रहा है, जिसकी वजह से इस बार सावन का महीना पूरे 59 दिनों का हो गया है। मलमास को ही ‘अधिकमास’ या पुरुषोत्तम’पुरुमास’ कहा जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु और हनुमान जी की आराधना की जाती है और शुभ कार्यों पर रोक होती है।
इस बार अधिकमास 18 जुलाई को प्रारंभ हुआ था और इसका समापन 16 अगस्त को होगा, उस दिन कृष्ण पक्ष की अमावस्या होगी, जिसका अपना एक महत्व है।अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान-पु्ण्य का कार्य करते हैं, ऐसा माना जाता है कि इस दिन ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं और लोगों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उल्लेखनीय है कि मलमास की अमावस्या का प्रारंभ 15 अगस्त को दोपहर 12:42 से प्रारंभ होकर 16 अगस्त को दोपहर बाद 03: 07 को समाप्त होगा, इस दौरान साधक पूजा पाठ के कार्य को कर सकते हैं।