डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी
भगवान राम के प्राकट्य की नगरी अयोध्या सज रही है। मठ मंदिरों का जीर्णोद्धार हो रहा है। एक तरफ मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का भव्य मंदिर आकार ले रहा है तो वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार अयोध्या को त्रेताकालीन बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। भगवान राम के मंदिर में विराजमान होने से पहले अयोध्या की न सिर्फ तकदीर बदलती दिखाई देती है, बल्कि तस्वीर भी बदलेगी। इसी क्रम में अब भगवान राम की नगरी अयोध्या के 25 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ लगाया जाएगा, इसके लिए बाकायदा स्थान भी चिन्हित कर लिया गया।
भगवान राम के मंदिर तक जाने के लिए इन दिनों अयोध्या में स्मार्ट पथों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें राम पथ, जन्मभूमि पथ, धर्म पथ और भक्ति पथ शामिल हैं। इन्हीं पथों पर 25 जगहों पर 210 करोड़ों रुपये की लागत से श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाएंगे। जिसकी योजना अयोध्या विकास प्राधिकरण ने बनाई है। स्तंभों में नक्काशीदार डिजाइन होंगी, जो देशभर के लोकप्रिय मंदिरों की दीवारों पर उकेरी जाती हैं। अयोध्या में स्थापित होने वाले श्रीराम स्तंभ 20 फीट ऊंचे होंगे। इतना ही नहीं, इस स्तंभ पर डिजाइन भी ऐसा किया जा रहा है कि इस पर धर्मनगरी अयोध्या का प्रतिबिंब दिखे। स्तंभ के ऊपर मोटे ग्लास की लाइटें लगाई जाएंगी जो रात में प्रकाशमान होंगी।
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के अनुसार अयोध्या की उसकी गरिमा के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में मंडलायुक्त के निर्देश पर श्रीराम स्तंभ का चयन किया गया है। उसकी डिजाइन भी फाइनल की गई है। हम लोग सीएसआर के माध्यम से जो बड़े उद्यमी हैं,और जिनकी अयोध्या के प्रति आस्था है, ऐसे लोगों से मदद लेकर 25 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ लगाने की योजना है।
यह श्रीराम प्रकाश स्तंभ शहर से बाहर के आने वाले लोगों को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक पहुंचने में और उस मार्ग को एक विशिष्टता प्रदान करने में सहायक होंगे। विशाल सिंह के मुताबिक इसका टेंडर प्राधिकरण द्वारा निकाला जा चुका है। जैसे ही हम लोगों का कार्य पूर्ण होगा हम लोग लगाना शुरू कर देंगे। लगभग 15 दिन के अंदर इसकी स्थापना का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।