अजीत पार्थ न्यूज बनकटी बस्ती
दिव्यज्योति जागृति सेवा संस्थान द्वारा स्थानीय जूनियर हाई स्कूल बनकटी के सामने आयोजित पंचदिवसीय संगीतमयी श्री हरिकथामृत के तृतीय दिवस दिल्ली से पधारी कथाव्यास साध्वी भक्ति आभा भारती द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं को भक्त और भगवान के तादात्म्य पर विस्तृत चर्चा किया गया।

दीप प्रज्वलन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी
इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान की प्राप्ति के लिए भक्त बनना परम आवश्यक है,बगैर भक्त बनें ईश्वरीय सत्ता का साक्षात्कार नहीं किया जा सकता है। चौरासी लाख योनियों में मनुष्य जीवन सर्वश्रेष्ठ है और वह पृथ्वी पर जन्म लेने से पूर्व भगवान से प्रार्थना करता है कि मैं जब असार संसार में जाऊंगा तो आपकी भक्ति करूंगा, किंतु वह धरती पर आकर मायामोह के वशीभूत हो जाता है और सांसारिक भोगों को ही सब कुछ समझ लेता है। वह ईश्वरीय सत्ता से विमुख होकर माया जंजाल में पड़ा रहता है और जब अंत समय आता है तब वह परेशान हो उठता है और भगवान का भजन न करने के कारण उसे तमाम कष्टों को भोगना पड़ता है।

भगवान शिव नें नंदी को इस कारण अपना वाहन बनाया कि नंदी में भक्ति की पराकाष्ठा थी और वाहन की प्रकृति होती है कि वह बगैर स्वामी के आदेश के कहीं भी नहीं जा सकता। इस कारण उन्होंने अपने स्वरूप को नंदी में देखा और जगत कल्याण के लिए यह मार्गदर्शन किया कि व्यक्ति को सदैव नंदी रूप में रहना चाहिए क्योंकि वह हमेशा महादेव के समक्ष रहते हैं।
इस दौरान कथा का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अजीत मणि त्रिपाठी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कथा में प्रमुख रूप से साध्वी अनंता भारती,साध्वी ऋतु, स्वामी विष्णु प्रकाशानंद, स्वामी ब्रह्मेशानंद, पं. जगदीश तिवारी, शिव प्रसाद उपाध्याय, काशी प्रसाद पांडेय, बीना राय, नंदलाल शर्मा, मदन अग्रहरि, शैलेंद्र पाल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


