मांगों के समर्थन में आक्रामक आंदोलन की रणनीति तैयार : संजय द्विवेदी

 

👉24 सितंबर को लखनऊ में तय होगा आंदोलन की रूपरेखा

👉सरकार को मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए सभी तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करते हुए वेतन भुगतान कर देना चाहिए।

👉सरकार वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा सुरक्षा व सम्मानजनक मानदेय देने का प्रबंध करना चाहिए

👉बिना रिश्वत लिए शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कोई काम नही हो रहा है
◾◾◾
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ(चंदेल गुट) के प्रदेश संयोजक (आईटी सेल) संजय द्विवेदी ने कहा है कि मांगों के समर्थन में 24 सितंबर को लखनऊ में आयोजित बैठक में संघर्ष का ऐलान होगा। बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ मंडलीय अध्यक्ष व मंत्री प्रतिभाग करेंगे।
श्री द्विवेदी ने बताया कि मांगों के समर्थन में संघर्ष की पटकथा तैयार है। 24 सितंबर की बैठक में अंतिम रूप रेखा तय कर ली जाएगी। संगठन ने पुरानी पेंशन के समर्थन में एनपीएस गो बैक का नारा दिया है। केंद्र व प्रदेश सरकार को एनपीएस स्कीम वापस लेनी पड़ेगी। हम पुरानी पेंशन आंदोलन को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाएंगे।
तदर्थ शिक्षकों के 18 माह से बंद हुए वेतन भुगतान के सवाल पर श्री द्विवेदी ने कहा कि सरकार तदर्थ शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार को मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए सभी तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करते हुए वेतन भुगतान कर देना चाहिए।
वित्तविहीन शिक्षक के बुरे हालात के सवाल पर श्री द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश की 85 प्रतिशत शिक्षा व्यवस्था वित्तविहीन शिक्षकों के हाथ में है। सरकार को उनकी सेवा सुरक्षा व सम्मान जनक मानदेय देने का प्रबंध करना चाहिए। प्रदेश के 25 हजार विद्यालयों में कार्यरत 3 लाख वित्त विहीन शिक्षक सरकार की ओर उम्मीद भरी नजर से देख रहे है।
शिक्षक कर्मचारियों को चिकित्सा भत्ता देने के सवाल पर श्री द्विवेदी ने कहा कि सरकार वादा करके मुकर गई। उसको राज्य कर्मचारियों की भांति शिक्षक कर्मचारियों को भी पांच लाख रुपए तक चिकित्सा भत्ता देना चाहिए। इसके लिए प्रदेश कर्मचारी कई वर्षो से आंदोलन कर रहे है, किंतु सरकार ध्यान नही दे रही है।
शिक्षा विभाग के कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के संदर्भ में श्री द्विवेदी ने कहा कि बिना रिश्वत दिए शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कोई काम नही हो रहा है। अधिकारी पटल सहायकों के माध्यम से खुलेआम रिश्वत ले रहे है। चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, पदोन्नति, स्थानांतरण व एरियर भुगतान बिना रिश्वत के नही हो पा रहा है। चयन आयोग से चयनित शिक्षकों की ज्वाइनिंग के नाम पर लूट मची है। सरकार इस पर अंकुश लगाने में असफल है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

 

error: Content is protected !!