पुलिस का मानवीय चेहरा
डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी
कुपुत्रो जायते क्वचिदपि कुमाता न भवति… नवरात्रि के इस पवित्र महीने में जिस बेटे को मां नें अपने कलेजे का टुकड़ा समझकर बड़े नाजों से पाला था,वह कपूत निकला और मां की मृत्यु के बाद उनके शव को अस्पताल में छोड़कर भाग निकला । ताजा मामला राजधानी लखनऊ का है जहां के कमिश्नरेट पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक कलयुगी बेटा मां की मृत्यु के बाद शव अस्पताल में छोड़कर फरार हो गया। कृष्णा नगर कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह नें थाना क्षेत्र स्थित लोकबंधु अस्पताल में बेटे की ओर से बुजुर्ग मां का शव छोड़कर फरार हो जाने के तीन दिन तक मृतका के परिजनों का इंतज़ार करने के बाद गुरुवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराकर वीआईपी रोड स्थित बैकुण्ठ धाम में विधि-विधान से अंतिम संस्कार कराने के बाद बुजुर्ग महिला के चिता को अग्नि दी।
पुलिस के मुताबिक,14 अक्टूबर की रात को बेटे राजेश साहू नें अपनी 65 वर्षीया मां मीनू देवी पत्नी स्व.शंकर साहू निवासी 80 सेक्टर-एफ एलडीए कॉलोनी निवासी को शुगर अधिक होने के कारण इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। बेटा लोकबंधु अस्पताल में मां का शव छोड़कर फरार हो गया था। पुलिस के अनुसार तीन दिनों तक मृतका के परिजनों का इंतजार करने के बाद वीआईपी रोड स्थित बैकुण्ठ धाम में विधि-विधान से मृतका का संस्कार करवाया गया है।
इस दौरान कृष्णा नगर कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह, उपनिरीक्षक अजय कुमार, नीरज द्विवेदी, शैलेन्द्र सिंह और कॉन्स्टेबल अजय कुमार समेत तमाम पुलिसकर्मी मौजूद रहे।