पखवाड़े भर पहले ही सुहागन हुई रेनू के हाथों की मेंहदी और पैरों के महावर नहीं छूटे थे कि होली के दिन चूम लिया फांसी का फंदा

डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी : बस्ती

जिस चुनरी में सजकर पखवाड़े भर पूर्व बाबुल का घर छोड़कर दुल्हन बनकर अपने पिया के घर गई रेनू पर ऐसी कौन सी आफत आ गई कि ऐन होली के दिन विवाहिता साड़ी को ही फांसी फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया, परिवार वालों के लिए यह हादसा अबूझ पहेली बनी हुई है। प्रायः देखा जाता है कि फागुन महीने में ससुराल से मायके लौटी नवविवाहिता कन्याएं अल्हड़ होली में रंगी रहती हैं। लेकिन इससे इतर एक नवविवाहिता को रंग पर्व पर ही फांसी के फंदे पर लटके हुए देखा गया।

ताजा मामला जनपद के मुंडेरवा थाना क्षेत्र के छपिया तिवारी ग्राम का है। जहां पर रेनू प्रजापति 25 पुत्री गयादीन होली के दिन अपने कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत एक मार्च को रेनू का विवाह थाना लालगंज अंतर्गत ग्राम कैथवलिया,(गौरा उपाध्याय) निवासी प्रद्युम्न प्रजापति पुत्र यदुवंश प्रजापति के साथ विधि विधान के साथ हुआ था। मृतका रेनू की विदाई विगत दो मार्च को हुई थी और चौदह मार्च को लगे खरमास के पहले वह पुनः विदा होकर अपने मायके छपिया तिवारी आ गई थी। इधर बेटी का विवाह धूमधाम से करने के बाद पिता गयादीन अपने दो बेटों और बहू के साथ मेहनत-मजदूरी करने मुम्बई लौट गए थे।

सूचना के अनुसार होली के दिन रेनू अपनी मां के साथ मिलकर तरह-तरह के पकवान बनाने के बाद अपने कमरे में आराम करने चली गई थी। थोड़ी देर बाद जब मां उसे बुलाने गई, तो देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है, काफी खटखटाने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो रेनू की मां नें आस-पास के लोगों को बुलाया। काफी प्रयास के बाद दरवाजा खोला गया तो रेनू को साड़ी के फंदे से लटकते हुए पाया गया। आनन-फानन में मौके पर मौजूद परिजन एवं ग्रामीण उसे जिला चिकित्सालय बस्ती ले गए, जहां पर चिकित्सक नें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में देखनें पर मृतका के गले पर काले धब्बों के साथ कसाव का निशान पाया गया है। विवाहिता पुत्री की असामयिक मौत से घर पर मौजूद मां सहित बाबा एवं छोटे भाई का रो-रोकर बुरा हाल है।

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