सरकार बनते ही खोल दिए गए मंदिर के चारो द्वार

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

कोरोना काल से श्रद्धालुओं के लिए बंद भगवान महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी मंदिर के चारो द्वार गुरुवार की मंगलाचरण आरती के बाद सम्पूर्ण विधि विधान के साथ खोल दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि उड़ीसा सरकार के शपथग्रहण के बाद कैबिनेट में लिए गए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जिसमें पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के लिए 500 करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड को भी मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी की कैबिनेट नें मंजूरी दे दी है। ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने सुभद्रा योजना लागू करने की घोषणा की थी, इस योजना को भी कैबिनेट नें अपनी हरी झंडी दिखा दी है।

गौरतलब है कि सुभद्रा योजना के तहत हर महिला को 50,000 रुपये का नकद वाउचर दिया जाएगा। इस वाउचर की समय सीमा दो साल तक होगी। इसे दो साल के अंदर भुनाया जा सकता है। इसके अलावा किसानों का भी ख्याल किया और धान का एमएसपी 3100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

किस कारण से बंद थे जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे ?

बीजू जनता दल सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कार्यकाल में कोरोना के चलते मंदिर के तीन द्वार बंद किए गए थे। वहीं कोविड महामारी कम होने के बाद भी सिंह द्वार खोला गया था, जबकि अश्व द्वार, व्याघ्र द्वार और हस्ति द्वार विगत पांच साल से बंद थे। इसके कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और लंबी कतारें लगी रहती थीं। भारतीय जनता पार्टी नें वादा किया था कि वह सरकार में आने पर सारे दरवाजे खोलने का आदेश देगी और विगत दिवस शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी की कैबिनेट का बड़ा फैसला यही था।

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