सीएम योगी ने कहा- चीनी के साथ अब ‘ग्रीन ईंधन’ का स्रोत बन रहीं यूपी की चीनी मिलें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में चीनी उद्योग के नवाचारों की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि बीते छह वर्षों में प्रदेश की चीनी मिलों ने आधुनिकता की जो राह पकड़ी है, उससे आज यूपी की चीनी मिल, एक सामान्य चीनी उत्पादन करने वाली मिल से आगे बढ़कर ‘शुगर कॉम्प्लेक्स’ के रूप में उभर कर आई है। एक ही परिसर में चीनी भी बन रहा, कोजन प्लांट भी है, तो ऑक्सीजन प्लांट और एथनॉल प्लांट भी है। उन्होंने कहा है कि देश में सर्वाधिक गन्ना और चीनी उत्पादन करने वाला उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें आज प्रधानमंत्री की नीतियों को अपनाते हुए सबसे ज्यादा एथनॉल उत्पादन कर ‘ग्रीन एनर्जी’ के स्रोत के रूप में पहचानी जा रही हैं। यह बदलाव हमारे किसानों की आय में वृद्धि और जीवन में समृद्धि लाने वाली हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा चीनी उद्योग के 120 वर्ष के गौरवमयी यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया, साथ ही प्रदेश के चीनी उद्योग को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान करने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया। पद्मश्री मीनाक्षी सरावगी सहित कई हस्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया।

प्रदेश में चीनी उद्योग के 120 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि 120 वर्ष पहले किसानों के हित को ध्यान में रखकर प्रदेश में पहला चीनी मिल तत्कालीन गोरखपुर जिले के देवरिया (प्रतापपुर) में स्थापित किया गया था। हालिया कुछ दशकों में जिस तरह चीनी मिलें बंद होती जा रहीं थीं, किसान हताश और परेशान थे, पलायन को मजबूर थे, उसने चीनी उद्योग के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया था। लेकिन 2017 के बाद परिवेश बदला। चीनी मिलों से संवाद कर तय हुआ कि जब तक किसान का गन्ना खेत में होगा, चीनी मिलें गन्ना खरीद जारी रखेंगी और यह सुखद है कि मिलों ने ऐसा ही किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह वर्ष में डबल इंजन सरकार में गन्ना किसानों को 01 लाख 97 हजार करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया गया। जल्द ही यह 2 लाख करोड़ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 100 चीनी मिलें ऐसी हैं, जो खरीद के 10 दिन के भीतर किसान का भुगतान कर दे रही हैं। यह बड़ा बदलाव है, शेष मिलों को भी ऐसे ही प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज गन्ना पर्ची की समस्या नहीं है, घटतौली की शिकायतें समाप्त हो गई हैं तो गन्ना किसानों की संख्या 45 लाख से 60 लाख हो गई। गन्ने का उत्पादन भी बढ़ा है और रकबा भी। यही नहीं रिकवरी भी 11% से अधिक हो रही है। चीनी मिल मालिकों की उपस्थिति के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी उद्योग और सरकार के बीच गन्ना किसान है। मिलों को अपनी नीतियों के केंद्र में किसानों को रखना चाहिये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!