अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
जिस बहन की डोली सजाकर विदा करने का अरमान भाईयों को होता है,उसी छोटी बहन का शव अगर कंधे पर लादकर पांच किलोमीटर तक ढ़ोना पड़े तो उन भाईयों पर क्या गुजरी होगी,जिसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
पूरा मामला लखीमपुर खीरी जनपद के मैलानी थाना क्षेत्र के ग्राम एलनगंज का है, जहां पर एक भाई को अपनी बहन के शव को कंधे पर लेकर पांच किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। भाई की बेबसी यह थी कि गांव में चारों तरफ पानी भरा हुआ था और बहन को सही समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे उसकी मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में लखीमपुर खीरी जनपद के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। ऐसे में एक दिल को झकझोर देने देने वाला वीडियो प्रकाश में आया है। वीडियो में एक भाई बहन के शव को कंधे पर लेकर जाता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि बाढ़ की वजह से सारे रास्ते बंद थे।
मृतका के बड़े भाई के अनुसार बहन पिछले कुछ दिनों से बीमार थी, उसे डॉक्टर को दिखाया गया था लेकिन उसकी तबीयत में कुछ भी सुधार नहीं हुआ। दो दिन पहले उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी जिससे उसकी मौत हो गई। वीडियो में बाढ़ के कारण बहन को सही इलाज नहीं दिला पाने में मजबूर एक भाई, बहन के शव को अपने कंधे पर लादकर तेज-तेज कदमों से चल रहा है।
बड़े भाई मनोज के अनुसार हम तीनों भाई राजेश एवं बहन शिवानी 16 पलिया कस्बे में रहकर पढाई करते हैं। बहन शिवानी कक्षा 12 की छात्रा है। बहन की तबीयत दो दिन पहले पलिया में खराब हुई थी। डॉक्टर को दिखाया गया तो डॉक्टरों नें जांच लिख दी, जांच में शिवानी को टाइफाइड की बीमारी निकली, जिसके चलते शिवानी को डॉक्टर नें दवा देकर अस्पताल में एडमिट कर लिया।
एडमिट होने के बाद भी शिवानी की हालत बिगड़ना शुरू हो गई। इधर बरसात के चलते पलिया कस्बा टापू में तब्दील हो गया, चारों तरफ के रास्ते बंद हो चुके थे। शारदा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है । यातायात रुकने की वजह से हम लोग अपनी बहन को बेहतर इलाज नहीं दिला पाए। जिसके चलते बहन की मौत हो गई। शिवानी की मौत से मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता देवेंद्र के अनुसार जिन भाइयों को बहन की डोली को कंधा देना था आज वही भाई अपने कंधों पर बहन के शव को लेकर अंतिम संस्कार हेतु पांच किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने गांव जा रहे हैं।
प्रकरण के संबंध में उपजिलाधिकारी कार्तिकेय सिंह का कहना है कि पीड़ित भाईयों नें अगर मदद मांगा होता तो प्रशासन अवश्य मदद प्रदान करता। यह सच है कि पूरा जनपद बाढ़ की चपेट में है।