फिल्मी स्टाइल में किडनैपिंग, थार व एसयूवी गाड़ियों का हुआ इस्तेमाल

– जिले में अर्से बाद हुई दिन-दहाड़े अपहरण की घटना
– 23 साल पहले हुई दो अपहरण का वारदातें हुई ताजा

बस्ती। मोहित अपहरण कांड की पटकथा पहले से ही रची गई मालूम पड़ती है। पूरी फिल्मी स्टाइल में घर से जबरन निकाल कर किडनैपिंग की घटना को अंजाम दिया गया इस दौरान अपह्रत के साथ मारपीट भी की गई।सीसीटीवी फुटेज में किराए के मकान से अपहरण कर बाइक ले जाते समय पांच लोग साफ-साफ दिख रहे हैं। इसके बाद जैसे ही वह मालवीय रोड की मुख्य संड़क पर आते हैं। वहां पहले से खड़ी एसयूवी में उसे डाल कर साथ में एक थार गाड़ी लेकर निकल गए। प्लानिंग इतनी लीक प्रूफ थी कि डायल 112 के घटना स्थल पर पहुंचने के बाद हरकत में आई पुलिस अपहर्ताओं को ट्रेस नहीं कर सकी। पुलिस अधिकारी नें बताया सभी के मोबाइल स्वीच आफ मिल रहे थे। शहर में सरेआम अपहरण का दुस्साहस पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई। शहर में अपहरण की इस घटना ने तकरीबन 23 साल पहले हुई दो बहुचर्चित राहुल मद्देशिया व पीयूष मोदी अपहरण कांड का यादें ताजा कर दी। इस घटना की जानकारी लगते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस नें जिले भर में नाकाबंदी करवाई। सीसीटीवी चेक किए तो बेहद चौकाने वाले थे। सर्विलांस पुलिस की तकनीकी टीम की मदद से पुलिस नें बदमाशों की गाड़ी का पता लगाया जा रहा है। अपहर्ता इतने शातिर थे कि उन्हें मालूम था कि पुलिस उनका पीछा करेगी, ऐसे में बचने के लिए प्लानिंग के तहत बदमाशों ने अपहरण करने के पहले से ही अपने-अपने मोबाइल बंद कर दिए।फिल्मी स्टाइल में हुई अपहरण की वारदात का वर्कआउट करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि पुलिस अधिकारियों को भरोसा है कि वह अपहरण कांड का खुलासा जल्द कर लेंगे।

तीन हफ्ते पहले दोनो गुटों में हुई थी मारपीट
अपहर्ताओ और अपह्रत के बीच तीन सप्ताह पहले भी दो अलग-अलग स्थानों पर मारपीट हुई थी। जानकारी के मुताबिक 22 जून 2024 को सक्सेरिया कालेज के ग्राउंड में नुमाइश लगी थी वहां पर मोहित के गुट ने आदित्य विक्रम के गुट से जुड़े लोगो की पिटाई कर दी थी। इस घटना से खार खाए आदित्य विक्रम के गुट नें 24 जून को सरेशाम कटेश्वर पार्क के सामने मोहित पर हमला कर उसकी बाइक को तोड़ दिया था।

टशन, गुटबाजी, वर्चस्व को लेकर हुई घटना
मोहित अपहरण कांड टशन, गुटबाजी और वर्चस्व को लेकर बताया जाता है। एक दूसरे पर हावी होने के लिए इन दिनो टकराव बढ़ गया था। दोनो गुटो के बीच कई बार मारपीट की घटनाएं हुई लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि दोनो में से किसी भी गुट की ओर से पुलिस को मारपीट की न तो तहरीर दी गई और न तो पुलिस को सूचना देकर बताया गया। अपहरण के बाद एफआइआर भी घर के मेंबर या साथी की जगह मकान मालिक नें दर्ज कराई।

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