अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
समाजवादी पार्टी से नवनिर्वाचित सांसद के लिए चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज चार मुकदमें छिपाना भारी पड़ सकता है, क्योंकि उक्त मामले में विपक्षी प्रत्याशी उच्च न्यायालय के शरण में गई हुई हैं।
पूरा मामला सुल्तानपुर जनपद से समाजवादी पार्टी के सिंबल पर सांसद का चुनाव जीते राम भुआल निषाद से संबंधित है। उनके खिलाफ भाजपा से पराजित प्रत्याशी मेनका गांधी नें उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में अपने अधिवक्ता प्रशांत सिंह अटल के माध्यम से याचिका दायर किया है कि सपा सांसद राम भुआल निषाद नें अपने खिलाफ चल रहे बारह मुकदमों से मात्र आठ मुकदमे चुनाव हलफनामे में दिखाया है, जबकि उनके खिलाफ गोरखपुर जनपद के पिपराइच थाने में एक, बड़हलगंज थाने में दो तथा देवरिया जनपद के मदनपुर थाने में एक मुकदमा पंजीकृत है,जिसका उन्होंने बयान हल्फी में कहीं भी उल्लेख नहीं किया है, जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। उक्त मामले में आगामी तीस जुलाई को सुनवाई होनी है।
उल्लेखनीय है कि राम भुआल निषाद पहले भारतीय जनता पार्टी में ही थे। गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा से वह टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनके स्थान पर विपिन सिंह को टिकट दे दिया गया था, उसके बाद वह सपा में शामिल हो गए थे। वह बसपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।