अजीत पार्थ न्यूज बस्ती
प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव हेतु गर्भवती महिलाओं को भेजने वाली आशा कार्यकर्ताओं की अब खैर नहीं होगी। ऐसी आशा कार्यकर्ता अब चिह्नित की जाएंगी। इस आशय के निर्देश जिलाधिकारी रवीश गुप्ता नें मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान दिए।
जिलाधिकारी नें कहा कि प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पताल पहुंचाने वाली आशाओं पर सभी एमओआईसी नजर रखेंगे। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी एमओआईसी को निर्देशित किया कि विभागीय लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति करना सुनिश्चित करें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। सास-बहू सम्मेलन में परसरामपुर, बनकटी, कुदरहा विकास खंडों की प्रगति कम पाए जाने पर जिलाधिकारी नें नाराजगी व्यक्त किया।
चाइल्ड हेल्थ रिपोर्ट, नवजात शिशु, मंत्रा डिलेवरी ट्रैकिंग, चाइल्ड डेथ रिपोर्ट, टीबी जांच, टीकाकरण की समीक्षा करते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी एमओआईसी सत्यापन करने के उपरांत समय से पोर्टल पर अपलोड कराएं। उन्होंने सीएमओ तथा एसीएमओ को भी सख्त निर्देश दिया कि बैठक में लिए गए निर्णय की नियमित मॉनीटरिंग करके कार्रवाई सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी नें जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य केंद्रों के कायाकल्प, परिवार नियोजन में महिला नसबंदी तथा अंतरा इंजेक्शन, आशाओं को भुगतान की स्थिति, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम आदि की भी समीक्षा की।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी जयदेव सीएस, सीएमओ डॉ. रमाशंकर दुबे, डाॅ.अनिल यादव, डाॅ. विनोद, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार सहित तमाम जनपदीय अधिकारी मौजूद रहे।