अजीत पार्थ न्यूज ब्यूरो
अखंड सौभाग्य के लिए मनाई जाने वाली हरितालिका तीज पांच सितंबर को है या फिर छः सितंबर को ? दरअसल हरितालिका तीज के लिए जरूरी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 और 6 सितंबर दोनों दिन प्राप्त हो रही है। ऐसे में हरितालिका तीज की सही तारीख को लेकर सुहागिनों में संशय की स्थिति है। जिन सुहागिन महिलाओं और विवाह योग्य युवतियों को व्रत रखना है, उनके लिए हरितालिका तीज की सही तिथि जानना आवश्यक है। वाराणसी स्थित मां भगवती भाग्योदय केन्द्रम् के निदेशक एवं सहायक प्रवक्ता व्याकरण विभाग सहदेव संस्कृत महाविद्यालय महाराजगंज गाजीपुर तथा प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पं.अविनाश चतुर्वेदी “चन्दन” नें हरितालिका तीज की सही तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में स्पष्ट करते हुए बताया कि पंचांग के अनुसार, हरितालिका तीज भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 10 बजकर 6 मिनट से लेकर 6 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक है। मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार व्रत के लिए उदया तिथि की गणना करते हैं। उदया तिथि का अर्थ है कि सूर्योदय के समय की तिथि।
इस आधार पर 5 सितंबर को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 01 मिनट पर होगा और उस समय भाद्रपद शुक्ल द्वितीया तिथि होगी। तीज व्रत तृतीया तिथि में होता है। 6 सितंबर को सूर्योदय 6 बजकर 02 मिनट पर होगा और उस समय तृतीया तिथि विद्यमान होगी। ऐसे में हरितालिका तीज 6 सितंबर शुक्रवार को मनाई जाएगी और यह व्रत की सही तिथि है।
हरितालिका तीज वाले दिन 6 सितंबर को सुबह में पूजा का मुहूर्त 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट तक है। जो व्रती इस समय में पूजा न कर पाएं, वह शाम को सूर्यास्त होने के बाद जब प्रदोष काल शुरू हो, तब पूजा कर सकती हैं। व्रत वाले दिन सूर्यास्त 06:36 बजे होगा। इस समय व्रती समूह में बैठकर हरितालिका तीज की व्रत कथा सुनती हैं। हरितालिका तीज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक है।
हरितालिका तीज 2024 दिन का चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य मुहूर्त: सुबह में 06:02 बजे से 07:36 बजे तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह में 07:36 बजे से 09:10 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह में 09:10 बजे से 10:45 बजे तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त: दोपहर में 12:19 बजे से 01:53 बजे तक
चर-सामान्य मुहूर्त: शाम में 05:02 बजे से 06:36 बजे तक
हरितालिका तीज 2024 अशुभ समय
हरितालिका तीज की पूजा अशुभ समय में नहीं करें। उस दिन विशेषकर राहुकाल में पूजा न करें। उस दिन राहुकाल सुबह 10:45 बजे से दोपहर 12:19 बजे तक है।
उन्होंने सुहागिनों से अनुरोध किया है भले ही शुक्रवार को दोपहर बाद चतुर्थी लग जा रहा है, फिर भी माता गौरी एवं भगवान भोलेनाथ का पूजन सायंकाल प्रदोष के समय ही करें।