∆∆••बस्ती जनपद के लिए शुभ शकुन नहीं है 2027 का विधानसभा चुनाव, कहीं गुटबाजी के चक्कर में न हो जाए मिट्टीपलीत
∆∆•• कार्यकर्ता उहापोह में पटगोल कार्यकर्ताओं की पौ बारह, सॉफ्ट कॉर्नर वालों के लिए विषम परिस्थिति
अजीत पार्थ न्यूज बस्ती
वर्तमान समय में बस्ती जनपद में भारतीय जनता पार्टी के लिए सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भीतरघात का शिकार हुए पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी को गुटबाजी के चक्कर में उन्हीं के बनाए हुए प्यादे दरकिनार कर रहे हैं। उल्लेखनीय की पूर्व जिलाध्यक्ष महेश कुमार शुक्ला को भारतीय जनता पार्टी द्वारा गौ सेवा आयोग का उपाध्यक्ष/ सदस्य बनाते हुए राज्य मंत्री का दर्जा इसी सप्ताह प्रदान किया गया है। लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करने के बाद मंगलवार को उनका जनपद में प्रथम आगमन है, इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं एवं वर्तमान विधायक अजय सिंह के सौजन्य से अधिकतर बैनर एवं होर्डिंग छपवाए गए हैं। जिसमें 2022 का विधानसभा चुनाव पराजित हुए सभी पूर्व विधायकों का फोटो तो बकायदे लगवाया गया है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता एवं वर्तमान समय में असम राज्य के प्रभारी पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी का फोटो उक्त होर्डिंगों से गायब है।
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक बस्ती की राजनीति के लिए यह शुभ शकुन नहीं है। गुटबाजी की शिकार हो रही भारतीय जनता पार्टी कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में फिर 2022 की कहानी न दोहरा दे। कुछ लोग विभिन्न सोशल मीडिया साइटों पर लिख रहे हैं कि गौ सेवा आयोग का उपाध्यक्ष बनने पर पूर्व सांसद द्वारा महेश शुक्ला को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से बधाई नहीं दिया गया है।
फिलहाल पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेतृत्व को यह सोचना होगा कि अगर गुटबाजी की शिकार हुई भारतीय जनता पार्टी में कोई बीच का रास्ता नहीं निकाला गया तो उनका आगामी किला फतह करना मुश्किल हो जाएगा। सबसे बड़ी समस्या पार्टी के खांटी कार्यकर्ताओं के लिए है जो इसलिए परेशान है कि किधर जाएं और जाने पर कौन नाराज होगा और कौन खुश। फिलहाल स्थिति पटगोल कार्यकर्ताओं के लिए अच्छी है जो दोनों गोल पढ़ा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक कुछ कार्यकर्ता ऐसे हैं, जो चाहते हैं की पार्टी बुलंदी पर पहुंचे लेकिन टांग खींचने वाले लोग उन्हें बीच में ही अटका दे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक महेश शुक्ला को आगामी विधानसभा चुनाव में दावेदारी प्रस्तुत करना था, लेकिन उसके पहले ही उन्हें दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री का झुनझुना थमा दिया गया है जिससे वह वही स्थिर हो जाएं। फिलहाल उनके समर्थकों में उल्लास का वातावरण है। लेकिन जरूरत है आज भारतीय जनता पार्टी को जनपद में पूर्ण रूपेण मजबूत होने की।
उक्त प्रकरण से विपक्षी दल अंदरखाने चटखारे ले रहे हैं। फिलहाल हरीश द्विवेदी राजनीति के कुशल खिलाड़ी हैं, वह एक बार पुनः जनपद में अपना दम जरूर दिखाएंगे।