अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
वर्तमान समय में कब किसका ईमान डोल जाए, इसका मूल्यांकन करना कठिन है। रिश्तों की डोर इतनी कमजोर होती जा रही है कि लोग शक के साए में जिंदगी जी रहे हैं। पूरा मामला जनपद गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र का है, जहां पर एक पैंसठ वर्षीय बुजुर्ग को यह शक है कि वह अपने दोनों पुत्रों के जैविक पिता नहीं हैं। बुजुर्ग के अनुसार उनकी पत्नी का संबंध उनके रिश्तेदार से है, इस कारण उन्होंने न्यायालय में अपने दोनों पुत्रों का डीएनए टेस्ट कराए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। बुजुर्ग का आरोप है कि उनकी पत्नी का वर्षों से एक रिश्तेदार से संबंध है। बुजुर्ग नें दावा किया है कि दोनों पुत्र भी रिश्तेदार के ही हैं। डीएनए जांच करने के लिए उन्होंने कोर्ट में भी एक प्रार्थना पत्र दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चिलुआताल थाना क्षेत्र के एक ग्राम निवासी बुजुर्ग स्टांप बेचने का कार्य करते हैं। बुजुर्ग के अनुसार जनपद में उनके दो मकान हैं। एक मकान में उनकी पत्नी दोनों पुत्रों और बहुओं के साथ निवास करती हैं, और एक मकान पर वह अकेले रहते हैं। दोनों मकान उनके नाम से ही हैं। उनके मकान में रहने के बाद भी बेटे उन्हें घर चलाने के लिए खर्च नहीं देते हैं। बुजुर्ग नें आरोप लगाया है कि रिश्तेदार और बेटों के साथ मिलकर पत्नी पूरी जायदाद पर कब्जा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उक्त मामला न्यायालय में भी गया था। न्यायालय नें भी पुत्रों को खर्च देने के लिए कहा था। इसके बाद भी उन्हें कुछ नहीं दिया गया। मजबूरी में अकेले घर पर रह रहे हैं।
बुजुर्ग ने बताया कि कोरोना काल में ही पत्नी के चरित्र पर शक हुआ। इसके बाद दूरी बढ़ती गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी मिलकर संपत्ति हड़पने का प्रयास करने लगे। तब 2022 में उन्होंने न्यायालय में दोनों बेटों की डीएनए जांच कराने के लिए एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसपर सुनवाई 11 नवंबर को होनी है। उन्होंने विश्वास जताया कि जांच होने पर उनकी पत्नी और बेटों की पोल खुल जाएगी। उन्होंने पुलिस अधीक्षक उत्तरी से कहा है कि उन्हें जान का भी खतरा है। उन्हें सुरक्षा भी मिलनी चाहिए।