∆∆•• आबकारी व पुलिस एक दूसरे के माथे पर फोड़ रहे जिम्मेदारी का ठीकरा
बस्ती।
यूं तो माझा से लगायत कई क्षेत्रों में कच्ची शराब की भट्ठियाें पर अंकुश का दावा आबकारी विभाग कर रहा है, मगर यह सब केवल कागजी है। मान भी लिया जाए कि कच्ची शराब पर अंकुश लग गया है तो अब गांजा की बिक्री का लाभ तस्कर खूब पा रहे हैं। आबकारी विभाग इसके लिए खुद को नहीं बल्कि पुलिस के सिर ठीकरा फोड़ता है, जबकि पुलिस महकमा इसके लिए आबकारी को जिम्मेदार करार देता है। फिलहाल दोनो विभाग एक दूसरे पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ रहे हैं, जबकि इसका सीधा लाभ तस्कर उठा रहे हैं।
लंबे समय से शहर से लगायत ग्रामीण इलाकों में गांजा का धंधा खूब रंग पा रहा है। बकायदे चौक चौराहों पर पान के स्टाल व घूम कर इसे बेचा जा रहा है, मगर इसे रोकने वाला तंत्र केवल कागजी घोड़े दौड़ा रहा है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर इससे संबंधित वीडियो भी वायरल हुआ था, मगर उसे भी किसी ने संज्ञान नहीं लिया और मामला टांय-टांय फिस्स साबित हुआ। एक ओर पुलिस इसे लेकर तत्परता दिखाने का दम भर रही है तो दूसरी ओर आबकारी विभाग ने इसके लिए टीम गठित करने का दावा किया था, मगर यह सब कुछ केवल हवा में है। ग्रामीण क्षेत्र के कुछ स्थल पर तो इसको लेकर नेटवर्क काम करने लगा है।
सूत्रों की मानें तो शहर के पुरानी बस्ती इलाके में एक स्थान पर बकायदा इसकी पैकिंग होती है। जबकि माल उड़ीसा से आता है। पुड़ियों में बिकने वाला गांजा कैरियरों के माध्यम से बेंची जाती है। हालांकि इसे लेकर स्थानीय लोगों ने आवाज भी उठाई, मगर उनकी आवाज को दबंगों ने डरा धमका कर दबा दिया।
बोले आबकारी अधिकारी
जिला आबकारी अधिकारी राजेश कुमार त्रिपाठी नें कहा कि गांजा की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। कुछ सूचना मिली है।इसी आधार पर जांच कराई जा रही है। टीम को लगाया गया है। संदिग्ध स्थलों को भी जांचा जा रहा है।