बिजली मरम्मत के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में 53 लाख का गोलमाल, शिकायत

∆∆•• विभाग की तिकड़ी ने ठेकेदार से मिलकर लगाया 53 लाख का चूना

∆∆•• बस्ती मेंं काम करने वाले ठेकेदार का चरित्र प्रमाणपत्र दूसरे जिले का

बस्ती। स्वास्थ्य महकमा पर शासन का नियंत्रण ढीला है। तभी तो नियम कानून को ताक पर रखकर ठेकेदार, अधिकारी व बाबूओं की तिकडी खूब गुल खिला रही है। ताजा प्रकरण बिजली मरम्मत के नाम पर 53 लाख रुपये के भुगतान का है। आरोप है कि जखनी निवासी रामचंद्र चौधरी नें आरोप लगाया है कि विभाग ने कराेड़ों रुपये के टेंडर ऐसे ठेकेदार को दे दिया, जिसका चरित्र प्रमाण पत्र गैर जनपद का है, जबकि हैसियत प्रमाण पत्र अपने जिले का। यह शासनादेश का खुला उल्लंघन है।क्योंकि शासनादेश के अनुसार दोनो प्रमाणपत्र एक ही जिले का होना चाहिए।

मंडलायुक्त को भेजे पत्र में रामचंद्र चौधरी नें आरोप लगाया है कि मंडल के तीनों जनपदों के स्वास्थ्य विभाग में मां काली ट्रेडर्स मुंडेरवा 20-25 प्रतिशत कार्य कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर रहे हैं। इस धंधे में टेक्नोलाजिस्ट के साथ अन्य भी शामिल हैं। आरोप लगाया है कि शासनादेश मे यह स्पष्ट उल्लेख है कि हैसियत व चरित्र प्रमाणपत्र दोनो संबंधित जिलों के डीएम के स्वयं के हस्ताक्षर से जारी किए जाएंगे मगर मां काली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर अमरनाथ यादव एक जिले से हैसियत जारी कराते हैं तो दूसरे जनपद से चरित्र प्रमाण जारी किया गया है। बावजूद इसके इनके निविदा को टेक्नोलोजिस्ट कमेटी पास कर देती है। इस मामले में आरोप यह है कि बस्ती में इसी कंपनीे बिना कार्य कराए करीब 53 लाख का भुगतान ले लिया था, मगर न तो इसकी कोई जांच हुई और न ही अब तक कोई कार्रवाई। रामचंद्र ने आयुक्त ने मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग उठाई है।

सीएमओ डॉ. आरएस दुबे नें कहा कि बिजली मरम्मत के मद में भुगतान सभी एमओआईसी के सत्यापन के बाद कराई गई है। इसके अलावा टेक्नालोजिस्ट की रिपोर्ट भी लगी है। लोग निराधार आराेप लगा रहे हैं।

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