कांपते हुए हाथों से पिता नें जवान बेटे को दिया मुखाग्नि,पत्नी तथा दो मासूम बच्चों के करुण क्रंदन से रो उठे ग्रामीण,सेना की टुकड़ी नें दिया साथी को अंतिम विदाई

डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी बस्ती

जवान बेटे की असामयिक मौत के बाद लाचार पिता कभी बेटे का शव देखते तो,कभी असमय ही विधवा हुई बहू तथा पिता के प्रेम के साए से मरहूम हुए दो मासूम पौत्रों का करुण क्रंदन सुनकर फफक पड़ते। जिस बेटे के लिए एक पिता नें ढेर सारे सपने बुनें हुए थे, उसको कांपते हुए हाथों से मुखाग्नि देते समय वह चीत्कार उठे। आसपास मौजूद परिजनों द्वारा उन्हें संभाला गया और सेना के जवानों द्वारा अपने साथी को अंतिम धुन बजाकर एवं संगीनों को उल्टा कर अंतिम सलामी दिया गया।

फाइल फोटो – हवलदार अनूप सिंह 

उल्लेखनीय है कि विगत शुक्रवार अर्थात होली के दिन राजपूत रेजीमेंट के जवान अनूप सिंह उर्फ अन्नू 32 पुत्र दिनेश सिंह अपने ग्राम खुशहाल गंज खलवा में अल्मोड़ा से छुट्टी लेकर आए हुए थे। वह होली खेलने के बाद अपने कुछ दोस्तों को साथ लेकर गांव के बगल में प्रवाहित सरयू नदी के कटरिया चांदपुर तटबंध के खलवा के निकट नहाने के लिए गए हुए थे। इसी दौरान नदी के तेज बहाव में वह बह गए। उस दिन स्थानीय नाविकों द्वारा उनकी तलाश किया गया किंतु सफलता नहीं मिली, शनिवार को एसडीआरएफ अयोध्या की टीम बस्ती तथा अंबेडकर नगर की सीमा में करीब सात किलोमीटर तक सर्च अभियान चलाया लेकिन उनके हाथ भी असफलता ही आई।

आखिरकार परिजनों की मांग पर रविवार को गोरखपुर से 30 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम तीन मोटर बोटों के सहित कटरिया चांदपुर तटबंध के खलवा ग्राम के निकट सर्च अभियान चलाया और दोपहर करीब एक बजे घटनास्थल से मात्र 800 मीटर की दूरी पर मोटर बोट के वाइब्रेशन से हवलदार अनूप सिंह का शव नदी की सतह पर आ गया और उन्हें नदी से बाहर निकाला गया। इस दौरान मौके पर मौजूद दुबौलिया पुलिस नें शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पोस्टमार्टम के पश्चात मृतक हवलदार के गांव खुशहाल गंज खलवा में पहुंचे शव के अंतिम दर्शन के लिए आसपास के ग्रामीणों सहित काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई। तिरंगे में लिपटे एवं फूल मालाओं से लदे पति के शव को देखकर पत्नी शालिनी सिंह तथा दो मासूम बच्चों ओम 7 तथा शिवाय 5 का करुण क्रंदन युक्त विलाप सुनकर मौके पर मौजूद लोग भी रो पड़े। इस दौरान ग्रामीणों नें भारत माता की जय तथा हवलदार अनूप सिंह अमर रहें के गगन भेदी नारे लगाए। पत्नी को पहले ही खो चुके पिता दिनेश सिंह को तो जैसे लकवा मार गया था, किसी तरह उनको संभालते हुए कटरिया चांदपुर तटबंध के श्मशान घाट पर ले जाया गया, जहां पर उन्होंने बेटे का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान राजपूत रेजीमेंट के अधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।

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