डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी,बस्ती
कभी-कभी विधि का ऐसा विधान बन जाता है कि जो समाज के लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर देता है। मेहंदी और हल्दी की रस्म के बाद लाल जोड़े में सजी दुल्हन को यह जरा सा भी भान नहीं था कि उसका बगैर सिंदूरदान हुए ही वह विधवा के रूप में हो जाएगी और समाज उसे हिकारत की नजर से देखेगा। उक्त पूरा मामला बस्ती जनपद के नगर थाना अंतर्गत (दर्जीजोत) अरबापुर ग्राम का है। जहां पर गुरुवार की दोपहर करीब ढाई बजे एक ऐसी घटना घटी जिससे सम्पूर्ण रिश्तेदार सहित परिजन स्तब्ध रह गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त ग्राम निवासी धनंजय सिंह उर्फ संजय सिंह 25 पुत्र कन्हैया सिंह का विवाह गोरखपुर जनपद के बेलघाट क्षेत्र में तय था। गुरुवार को हल्दी की रस्म होने के बाद धनंजय सिंह को नहलाया जा चुका था और चार बजे शाम को होने वाली बारात विदाई के लिए गांव की औरतें सज-धजकर बारात विदा करने के लिए धनंजय के घर आ रही थीं। डीजे बज रहा था और गांव सहित रिश्तेदारों के कुछ बच्चे डीजे की धुन पर नाच रहे थे कि, इसी बीच दूल्हे धनंजय सिंह को न जाने क्या सूझा और वह अपने फूफा की दिल्ली नंबर की ब्रेजा गाड़ी को चलाने के लिए ठान लिए, ग्रामीणों के मुताबिक जहां पर धनंजय सिंह गाड़ी चला रहे थे, वह स्थान काफी दूर तक खाली था, लेकिन उसी प्लाट में एक आम का छोटा पेड़ लगा हुआ था। इसी बीच अचानक गाड़ी चलाते समय ब्रेजा कार अनियंत्रित होकर आम के पेड़ से बाईं तरफ टकरा गई और उस तरफ बैठे हुए उनके फूफा के लड़के को बहुत मामूली चोटे आईं, लेकिन गाड़ी चला रहे धनंजय को अंदरूनी चोंटे आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ब्रेजा कार के दोनों एयरबैग खुल गए थे और चालक धनंजय सिंह के तरफ का एयरबैग फट गया था।
आनन-फानन में परिजनों द्वारा उन्हें निजी साधन द्वारा श्री कृष्णा मिशन अस्पताल बस्ती ले जाया गया, जहां पर इलाज के दौरान धनंजय उर्फ संजय सिंह की मौत हो गई। उक्त घटना से पूरे गांव सहित आसपास के गांव में मातम पसर गया और दूल्हे के मौत की सूचना जब दुल्हन के घर पहुंची तो हर कोई हक्का-बक्का रह गया।
ग्रामीणों के अनुसार दुल्हन के घर पर बारात के स्वागत की लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, यहां तक की नाश्ता और भोजन भी तैयार चुका था। उक्त घटना से क्षेत्र में हर कोई हतप्रभ है। परिजनों द्वारा जिस बेटे को सजाकर दूल्हा बनाया जाना था, उसकी अर्थी सजाकर ग्राम के निकट मनोरमा नदी के सेमरा घाट पर ले जाकर रात करीब आठ बजे दाह संस्कार कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि मृतक दूल्हे धनंजय सिंह उर्फ संजय सिंह के पिता कन्हैया सिंह जो की होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं, का दो विवाह हुआ था। धनंजय सिंह पहली पत्नी के संतान थे और उनकी एक विकलांग बहन भी है, जो कि चलने-फिरने में असमर्थ है। धनंजय के मां की मौत के बाद कन्हैया सिंह नें दूसरा विवाह कर लिया था, जिससे दो बेटे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक धनंजय सिंह काफी मिलनसार और मेहनती युवक थे और वह ठेके पर वायरिंग का कार्य करते थे। उन्होंने विगत एक वर्ष पूर्व टोयोटा हाईराइडर वाहन खरीदकर घर पर रखे हुए थे, लेकिन उसे कभी चलाते नहीं थे। उक्त घटना से क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है कि विधि का ऐसा विधान बना कि जिस दूल्हे को सज धजकर बारात जाना था उसकी जरा सी चूक के कारण अर्थी सज गई और दो परिवारों के लिए आजन्म का दंश बन गया।