अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद के निचलौल बाजार में एक प्रेमी नें ऐसा सच्चे मन से ऐसा काम किया जो प्रेम करने वालों के लिए एक नजीर बन गया। पांच महीने बाद जिस मंगेतर से उसका विवाह होना था, उसनें किसी बात को लेकर अपने घर के दूसरे मंजिल पर फांसी लगा लिया। युवा पुत्री की आकस्मिक मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। आंसुओं के सैलाब के बीच युवती के अंतिम संस्कार की तैयारी होने लगी। इसी बीच, युवक ने प्रेमिका की मृत देह के साथ विवाह की इच्छा जताई। उसनें घरवालों से कहा कि प्रेमिका को अपनी दुलहन बनाने का वचन दिया था। साथ रहने का वादा भले न पूरा हो पाया हो, लेकिन उसकी अर्थी सुहागन के रूप में ही उठेगी।
घरवालों नें युवक की भावनाओं का सम्मान किया। युवक सन्नी मद्धेशिया नें अर्थी पर पड़ी प्रेमिका प्रियंका 22 पुत्री पारस की मांग में सिंदूर भरा। यह एक ऐसा विवाह था, जहां गांव और घर की महिलाएं मंगलगीत गाने की जगह आंसुओं में डूबी हुई थीं। हर तरफ सिसकियों की चीत्कार नें पूरा माहौल गमगीन हो गया था। जिसने भी इस दृश्य को देखा अपने जज्बातों पर काबू नहीं कर पाया और फफक कर रो पड़ा। विवाह कराने आए पंडित जी भी नें उदास चेहरे के साथ मंत्र पढ़े। उन्होंने कभी सपने में भी ऐसा विवाह कराने की कल्पना नहीं किया था। विवाह संपन्न हुई और युवक अपने साथ लाए गए लाल जोड़े को ओढ़ाकर युवती को एक सुहागन की तरह अंतिम संस्कार हेतु विदा किया।
सम्पूर्ण निचलौल क्षेत्र में दिन भर इस अनोखी घटना की चर्चा होती रही। कोई उस प्रेमी की हिम्मत को दाद दे रहा था तो कोई उस प्रेमिका की कायरतापूर्ण हरकत को कोस रहा था। लोग कह रहे थे कि युवती ने अपनी हरकत से दो परिवारों का दिल तोड़कर रख दिया। दरअसल, निचलौल थाना क्षेत्र के स्थानीय कस्बे में एक युवक अपनी दुकान चलाता था। इसी दौरान उसे अपने मकान मालिक की पुत्री से प्यार हो गया। बात आगे बढ़ी तो परिजनों नें पहले इन्कार कर दिया, लेकिन दोनों की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा और वह विवाह के लिए सहमत हो गए।
दोनों एक दूसरे से शादी करके अपना घर बसाना चाहते थे। रविवार को किसी बात को लेकर युवती नें फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। इस घटना से युवती के परिवार में मातम छा गया। प्रेमिका की मौत की खबर मिलते ही प्रेमी बदहवास होकर उसके घर पहुंचा। यहां उसनें कहा कि वह अपनी प्रेमिका को अपनी दुल्हन बनाने का वचन दिया था। वह साथ रहने का वादा भले ही पूरा न कर पाया हो, लेकिन उसकी अर्थी सुहागन के रूप में ही उठेगी। उसनें प्रेमिका के शव से ही विवाह करने का प्रस्ताव रखा। कुछ देर के लिए तो सभी लोग स्तब्ध रह गए। लेकिन दोनों के प्रेम को देखते हुए रोते-बिलखते परिजनों नें शव से विवाह के लिए सहमति दे दिया और आखिरकार सिसकारियों के वातावरण में अर्थी पर पिंडदान कराने आए पुरोहित जी नें विवाह के मंत्रोच्चार पढ़ सिंदूरदान कराया।