अजीत पार्थ न्यूज लखनऊ
उत्तर प्रदेश में आगामी वर्ष में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर एक बार फिर अनिश्चितता की स्थिति बनती नजर आ रही है। नगर विकास विभाग के एक पत्र ने पंचायती राज विभाग की तैयारियों पर असमंजस का बादल छा दिया है, जिससे पंचायती चुनाव 2026 की प्रक्रिया के टलने के संकेत मिल रहे हैं।
सूचना के अनुसार नगर विकास विभाग के सचिव अमृत अभिजात नें पंचायती राज विभाग को एक पत्र भेजा है, जिसमें विगत 21 मई को जारी किए गए एक पत्र को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है। उक्त पत्र में नए नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए थे। अब विभाग नें स्पष्ट किया है कि जब तक उक्त आदेश वापस नहीं लिए जाते, तब तक चुनाव प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती।
पत्र के अनुसार, वर्तमान समय में नए निकायों के सुझाव और सीमा विस्तार संबंधी कार्रवाई पर रोक लगी हुई है। अगर यह आदेश जारी रहता है, तो चुनाव आयोग को वार्ड परिसीमन और आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने में दिक्कत आएगी। इस वजह से पंचायत चुनावों की तिथि घोषित नहीं हो पा रही है, जिससे ग्राम स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
ग्राम प्रधान और वार्ड सदस्य बनने की तैयारी कर रहे हजारों लोगों में इस देरी को लेकर निराशा है। पहले ही कई बार पंचायत चुनावों को लेकर देरी हो चुकी है, और अब फिर से प्रक्रिया में रुकावट ने गांव-गांव में चुनावी उत्साह को ठंडा कर दिया है।
हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि अगर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो पंचायत चुनाव 2025 की प्रक्रिया और लंबी खिंच सकती है। फिलहाल मंगलवार को आयोजित होने वाली कैबिनेट की बैठक में उक्त मुद्दे पर विचार होने की संभावना जताई जा रही है।