∆ भीषण हादसे में तबाह हो गया पूरा परिवार
डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी बनकटी बस्ती
ग्रामीण अंचल में एक लोक कहावत मशहूर है कि “घर में चोरी होने पर झाड़ू-इत्यादि बच जाता है, लेकिन आग लगने पर घर में तिनका भी नहीं बचता” कुछ ऐसी ही घटना गुरुवार को थाना लालगंज क्षेत्र के रौतापार ग्राम में घटित हुआ, जहां पर दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे लगी आग, कई सालों तक गांव वालों के हृदय पर लगे घाव को नहीं भर पाएगी।
अज्ञात कारणों से लगी भीषण आग नें ऐसी तबाही मचाई की करीब चार दर्जन से अधिक रिहायशी मकान एवं झोपड़ियां जलकर खाक हो गए एवं आधा दर्जन बेजुबान मवेशी गंभीर रूप से जल गए, जिसमें से कुछ के मरने की भी सूचना है। इसी आग में परशुराम के घर का 32 वर्षीय एकलौता चिराग रामजी झुलस कर आग की भेंट चढ़ गया। घर के इकलौते चिराग की मौत से नौनिहाल बच्चों एवं महिलाओं के करुण क्रंदन से पूरा वातावरण द्रवित हो गया। पत्नी को पहले ही खो चुके परशुराम को यह आशा थी कि इकलौता बेटा उनके बुढ़ापे की लाठी बनेगा, कभी जमीन पर पड़े बेटे के शव को निहारते, तो कभी मृत पुत्र के अबोध चार बेटियों एवं एक मासूम बेटे तथा विधवा हुई बहू को देखकर आंखों से आंसू बहाते हुए दहाड़ मार कर रोते हुए बेटे की जिंदगी की भीख ग्रामीणों एवं आला अधिकारियों से मांगते और कहते कि उनका क्या दोष जो इतनी बड़ी सजा उन्हें मिली है।
ग्रामीणों के मुताबिक मृतक रामजी राजमिस्त्री का काम कर पूरे परिवार का भरण-पोषण करता था। गांव में आग लगने के बाद पता नहीं कब वह क्या करने आग की लपटों के बीच चला गया और मौत के मुंह में समा गया। उसका बुरी तरह से जला हुआ शव घर के बाहर बने हुए शौचालय से प्राप्त हुआ। घटना के बहुत देर बाद तक उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई, काफी देर बाद जब रामजी नहीं मिला तो परिजन उसे ढूंढने लगे,तब जाकर उसकी पहचान हो पाई । सूचना पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष लालगंज सुनील कुमार गौड़ नें जले हुए शव को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्रवाई में जुट गए।