काबू में सरयू नदी… कुआनों नें बढ़ाई हलचल, गांवों में मची तबाही

– खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर नीचे उतर आई सरयू, तटवर्ती गांवों से खिसकने लगा पानी
– कुआनो के पानी से चौतरफा घिर गया बारह छत्तर और महादेवा शिव मंदिर, संपर्क टूटा
बस्ती। सरयू काबू में है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर नीचे उतर आया है। तटवर्ती गांवों में घुसा बाढ़ का पानी अब खिसकने लगा है। इधर दो दिनों से ग्रामीण राहत महसूस कर रहे हैं। माझा क्षेत्र में अब केवल खेती- किसानी ही प्रभावित होती नजर आ रही है। वहीं कुआनो ने इस बार हलचल बढ़ा दी है। सल्टौआ ब्लॉक क्षेत्र का गंभीरगढ़ गांव जहां पानी से घिरा हुआ है। वहीं बारह छत्तर और महादेवा शिवमंदिर के चारों तरफ पानी ही पानी है। जिससे यहां का संपर्क टूट गया है।
एक सप्ताह पहले सरयू उफान पर रही। इस दौरान लगातार बारिश भी होती रही। जिससे दुबौलिया क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में बाढ़ की तबाही मचनी शुरू हो गई। उधर विक्रमजोत ब्लॉक क्षेत्र के भी एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित रहे। हालांकि कुछ ही दिनों के बाद सरयू ने रूख बदल दिया है। जलस्तर लगातार घट रहा है। केंद्रीय जल आयोग अयोध्या कार्यालय के अनुसार रविवार की शाम 5 बजे सरयू का जलस्तर 92.460 मीटर पर दर्ज किया गया है। यह खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर नीचे है। जलस्तर घटने से निकटवर्ती गांवों से पानी खिसकनेे लगा है। ग्रामीण अपनी घर- गृहस्थी दुरुस्त करने में जुट गए हैं। जबकि कुआनो की हलचल अभी बढ़ी हुई है। सल्टौआ ब्लॉक क्षेत्र के कुछ गांव और संपर्क मार्ग पर पानी आ गया है। जिससे आवागमन तक बंद है।
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सुबिका बाबू और आंशिक टेढ़वा से उतर गया बाढ़ का पानी
दुबौलिया। क्षेत्र के सुुबिका बाबू, आंशिक टेढ़वा गांव से सरयू का जलस्तर कम होने से बाढ़ का पानी लगभग उतर गया है। इन गांवों के संपर्क मार्ग अब केवल कीचड़ बचा है। यदि दो दिन बारिश नहीं हुई तो वह भी सूख जाएगा। हालांकि जलस्तर घटने से बाढ प्रभावित गांवों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा है। गनीमत यह कि पानी खिसकने के बाद कहीं से कटान की सूचना नहीं मिली है। बाढ खंड लगातार तटबंधों की निगरानी कर रहा है।
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गंभीरगढ़ गांव में पानी हुआ कम, खतरा बरकरार
सल्टौआ। क्षेत्र के गंभीरगढ़ गांव में कुआनो नदी का पानी घुस गया था। एक दिन पहले तक यहां चौतरफा पानी लगने से आवागमन बाधित रहा। प्रशासन को नाव की व्यवस्था करनी पड़ी। रविवार को पानी कम होने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि खतरा अभी बरकरार है। यदि बारिश फिर हुई तो नदी का दबाव बढ़ सकता है।
एसडीएम आसुतोष तिवारी दूसरे दिन भी इस गांव में पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। निर्देश दिए कि ग्रामीणों के आवागमन के लिए नाव उपलब्ध रहेगी। यहां पशुओं के लिए चारा भूसा का इंतजाम नाव से ही किया जा रहा है। इसके लिए रोजमर्रा की जरूरत भी नाव से पूरी की जा रही है।
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बारह छत्तर और महादेवा शिवमंदिर का संपर्क टूटा
टिनिच। कुआनो का जलस्तर बढ़ने से धार्मिक स्थल बारह छत्तर और महादेवा शिव मंदिर चौतरफा पानी से घिर गया है। यहां का आवागमन बंद है। बारह छत्तर में दो- चार परिवार भी रहते है। रास्ता बंद होने से यहां रहने वाले लोगों को दिक्कत हो रही है। अभी तक प्रशासन के तरफ से कोई राहत कार्य नहीं किया गया है। जगदेव, राम प्रकाश ने बताया अभी तक प्रशासन का कोई अधिकारी मौके पर हाल जानने भी नहीं पहुंचा है। वहीं सल्टौआ ब्लाॅक के ग्राम पंचायत अजगैवा जंगल में कुआनो नदी के किनारे बनाए गए बांध में कटान शुरू हो गई है। इससे ग्रामीण दहशत में है। यहां प्रशासन की ओर से अभी तक बचाव कार्य शुरू नहीं कराया गया है। गांव के लल्लू यादव कहते हैं यहां बंधे पर कई साल से कटान हो रहा है। अधिकारियों को हमेशा अवगत कराया जाता है। लेकिन, सुनवाई नहीं
हो रही है। दीपक ने बताया कि बंधे पर कई जगह बड़े- बड़े गड्ढे बन गए हैं। यदि समय रहते इसे भरा नहीं गया तो आसपास के खेत नदी में समा जाएंगे। जबकि खेती योग्य भूमि को सुरक्षित करने के लिए महादेवा से भदना सरहद तक बांध बनाया गया था। लेकिन, इसकी मरम्मत वर्षों से नहीं कराई गई है। खंड विकास अधिकारी सल्टौआ अनिल यादव ने बताया कि कटान की जानकारी हुई है। बचाव कार्य शुरू करने की तैयारी चल रही है।

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