जानिए कहां पर शुरू हुआ माइक्रोबायोलॉजी पोस्टमार्टम,अब मौत के कारणों की मिलेगी सटीक जानकारी

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

वर्तमान समय में शवों के पोस्टमार्टम की पुरानी पद्धति प्रचलित है, जिससे कभी-कभी मृत्यु के कारणों का सही पता नहीं चल पाता और काॅज आफ डेथ को जानने के लिए शव का बिसरा सुरक्षित कर फोरेंसिक लैब में भेजा जाता है, फोरेंसिक जांच में भी कभी कभी वास्तविक तथ्य पता नहीं चल पाता है।
लेकिन इससे इतर मध्य प्रदेश के भोपाल एम्स ने पहली बार माइक्रोबायोलॉजी पोस्टमार्टम प्रारंभ किया है। उल्लेखनीय है कि देश के नब्बे फीसदी राज्यों में पोस्टमार्टम की ऐसी अत्यधिक सुविधा और तकनीक नहीं है। इसके साथ ही अब मौत की वजह की शत प्रतिशत सटीक जानकारी मिलेगी। भोपाल एम्स में पहली बार फॉरेंसिक हिस्टोपैथोलॉजी लैब भी शुरू किया गया है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में अब फोरेंसिक मामलों की जांच भी हो सकेगी। इसके लिए फोरेंसिक हिस्टोपैथोलाजी लैब की स्थापना की गई है। इस जांच से मौत के कारणों की सही जानकारी आसानी से मिल जाएगी। इससे पुलिस को उलझे हुए मामले सुलझाने में मदद मिलेगी। एम्स में इस लैब को शवगृह परिसर में स्थित किया गया है। इससे फोरेंसिक मेडिसिन की क्षमताएं मजबूत होंगी।

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