दस वर्षों से गायब गोरखपुर के अमित बंग्लादेश सीमा पर फटेहाल दशा में गणित के सवाल सुलझाते हुए मिले

∆∆•• पिता नें कहा सावन महीने में भगवान भोलेनाथ नें पूरी कर दी मुराद

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

एक तरफ जहां पूरी दुनिया की नजर बंग्लादेश के सियासी हालात पर है, वहीं इसी उलट फेर के मद्देनजर गोरखपुर निवासी एक पिता को सुखद समाचार बंग्लादेश बार्डर से प्राप्त हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब दस वर्ष पहले घर से अचानक लापता हुआ बेटा अमित उन्हें वापस मिल गया है। बंग्लादेश के पश्चिम बंगाम सीमा के पेट्रापोल इलाके से अमित को बरामद किया गया है।

सूत्रों के अनुसार वह वहां पर एक पेड़ के नीचे फटे पुराने कपड़ों में बारिश से गीली हुई मिट्टी में कुछ गणितीय समस्याओं को सुलझा रहे थे। आस-पास के लोगों नें युवक को संदिग्ध समझते हुए पुलिस को सूचना दिया।

सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस नें जब उक्त युवक से बातचीत किया और जमीन पर मिट्टी के ऊपर सुलझा रहे गणितीय समस्याओं को देखा तो ताज्जुब हुआ। पूछने पर पता चला कि वह पहचान बता पाने में अक्षम है, लेकिन गणितीय समस्याओं को हल करने का तरीका एकदम सही है।

पूछताछ के दौरान उक्त युवक नें बताया कि वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद का निवासी है। उसके बाद स्थानीय पुलिस नें हैम रेडियो की मदद से युवक के बारे में सूचनाएं व उसकी फोटो प्रसारित किया, जिसका नतीजा रहा कि गोरखपुर में युवक के परिवार के सदस्यों तक अमित प्रसाद की सूचना पहुंच गई एवं परिवार की वर्षों की खोज एवं तपस्या पूरी हो गई। सोमवार को गोरखपुर जनपद के ग्राम बड़गो निवासी गामा प्रसाद पश्चिम बंगाल पहुंचे और पुत्र को दस्तावेजी कार्यवाई के बाद प्राप्त किया।

पिता गामा प्रसाद के अनुसार उनकी दस वर्षों की खोज एवं तपस्या सावन के सोमवार को पूरी हो गई। बाकौल गामा प्रसाद उनका बेटा विद्यालय में छात्रों को पढ़ाने के अलावा, आसपास के कम से कम पांच पड़ोसी गांवों के गरीब परिवारों के ढाई सौ से अधिक छात्रों को नि:शुल्क गणित पढ़ाया करता था। गणित के प्रति उसका प्रेम बचपन से ही शुरू हो गया था और उसनें जल्दी ही बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था। बाद में, वह मानसिक बीमारी से पीड़ित हो गया और गायब हो गया। हमने उसे वर्षों तक खोजा, लेकिन हमारे परिवार नें यह कभी भी नहीं सोचा था कि इतने वर्षों बाद वह जीवित अवस्था में मिलेगा।

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