अतीक एंड कंपनी से पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का आरोप लगने के बाद इसकी गोपनीय तरीके से जांच शुरू हो गई थी। इस बीच अचानक आठ पुलिसकर्मियों का दूसरे जिले में ट्रांसफर करने का आदेश जारी होने के बाद महकमे में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। जिन पुलिसकर्मियों को तबादला हुआ है, उन्हें भी नहीं पता कि किस कारण से उनका अचानक ट्रांसफर किया गया है। लखनऊ से जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से इन्हें रवाना करने की बात लिखी गई है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक गैंग से खाकी के रिश्ते को लेकर सवाल उठे थे। आरोप भी लगा था कि पुलिस के इस ऑपरेशन की अतीक गैंग को जानकारी पहुंच रही है। हालांकि इस मामले में पुलिस का कोई अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं था। बावजूद इसके गोपनीय तरीके से प्रमुख थानों पर नजर रखी जा रही थी। पूरामुफ्ती, धूमनगंज और करेली थाने में तैनात पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की जांच चल रही थी। इस बीच एक इंस्पेक्टर, तीन दरोगा और चार पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर का आदेश जारी हो गया। सबसे पहले धूमनगंज थाने में तैनात इंस्पेक्टर वजीउल्ला को ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया। पूरामुफ्ती थाने में तैनात उपनिरीक्षक समीआलम को पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय मेरठ और उपनिरीक्षक उबैदुल्ला अंसारी को पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय जालौन स्थानांतरित किया गया।
इसी तरह करेली थाने में तैनात उपनिरीक्षक इबरार अहमद को सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय सीतापुर, कांस्टेबल फारूक अहमद को शाहजहांपुर, कांस्टेबल बाबर अली को कानपुर देहात, हेड कांस्टेबल मो.महफूज आलम को ललितपुर,हेड कांस्टेबल मो. अयाज खां को बदायूं जिले में स्थानांतरित किया गया है।