अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
गोरखपुर एम्स से बहुत बड़ी खबर प्रकाश में आई है। जानकारी के अनुसार एम्स के डायरेक्टर डॉ.जीके पाल को उनके पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ.एके सिंह को एम्स गोरखपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि एम्स निदेशक के खिलाफ यह कार्रवाई फर्जीवाड़े में उनका नाम आने के बाद किया गया है। फर्जीवाड़े के मामले में डॉ.जीके पाल के ऊपर अपने पुत्र एवं पुत्री का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर दोनों का एम्स अस्पताल में जॉइन करवाने का आरोप लगा था।
रिपोर्ट के अनुसार, गोरखपुर एम्स के निदेशक डॉ.गोपाल कृष्ण पाल नें अपने पुत्र ओरो प्रकाश पाल को फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर गोरखपुर एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एमडी पीजी कोर्स में प्रवेश दिलवाया था। यही नहीं जांच में यह भी पता चला है कि पुत्र के साथ डॉ.जीके पाल नें अपनी पुत्री का भी फर्जी तरीके से एम्स के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में सीनियर रेजिडेंट के पद पर नियुक्ति करवा रखा था।
फर्जीवाड़े में डॉ.जी के पाल के पुत्र आरो पाल नें नियुक्ति से पहले जमा करवाए गए आय प्रमाण पत्र में वार्षिक आय मात्र आठ लाख रुपये दर्शाया था। इसके साथ ही ओरो नें नॉन क्रीमीलेयर और दानापुर बिहार के पते पर ओबीसी जाति का प्रमाण पत्र भी जमा करवाए थे। लेकिन पूरा मामला खुलने पर पता चला कि ओरो के पिता खुद गोरखपुर एम्स और पटना के निदेशक पद पर कार्यरत हैं।
उल्लेखनीय है कि यह ऐसा कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी गोरखपुर एम्स में फर्जी तरीके से जॉइनिंग करवाने के मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले गोरखपुर एम्स की पूर्व निदेशक सुरेखा किशोर नें भी फर्जी प्रमाण पत्र की मदद से अपने पुत्र को जूनियर रेजिडेंट के पद पर तैनाती करवाई थी। जिसके बाद उन्हें इसी आरोप में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी।