भीषण सड़क हादसे में जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी पुत्री विशाखा त्रिपाठी का हुआ निधन, छोटी पुत्री श्यामा व कृष्णा त्रिपाठी सहित आठ घायल

भीषण सड़क हादसे में जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी पुत्री विशाखा त्रिपाठी का हुआ निधन, छोटी पुत्री श्यामा व कृष्णा त्रिपाठी सहित आठ घायल

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

पूरी दुनिया में स्वयं में अनूठे प्रेम मंदिर वृंदावन व भक्ति धाम मनगढ़ कुंडा प्रतापगढ़ के संस्थापक जगद्गुरू कृपालु जी महाराज जी की पुत्रियों का यमुना एक्सप्रेस पर भयानक सड़क हादसा हो गया। रविवार को हुए इस हादसे में उनकी बड़ी पुत्री की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना के अनुसार तीनों पुत्रियां सिंगापुर जाने के लिए निकली हुई थी और उन्हें जेवर एयरपोर्ट जाना था कि तभी सुबह के समय यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण हादसा हो गया और उनकी कार डंपर से जा टकराई।

उक्त हादसे में कृपालु जी की बड़ी पुत्री 65 वर्षीया डॉ.विशाखा त्रिपाठी का निधन हो गया है। हादसे में दो छोटी पुत्रियों डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है। सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार कै सुबह थाना दनकौर क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर आठ किलोमीटर के बोर्ड के पास आगरा से नोएडा की तरफ जाने वाले रास्ते पर कैंटर ने दो कार इनोवा हाय क्रॉस व टोयोटा केमरी को पीछे से टक्कर मार दिया। जिसमें आठ लोग घायल हो गए हैं। घायलों को एंबुलेंस के द्वारा अस्पताल भेजा गया है। घायल व उनके साथी एक समूह में वृंदावन की यात्रा करके वृंदावन से दिल्ली जा रहे थे।

उक्त हादसे में हंसा पटेल, कंचन पटेल निवासी गण कुंडा प्रताप गढ़, गरिमा गुप्ता निवासी दिल्ली, संजय मलिक, दीपक भरेजा निवासी द्वारिका दिल्ली, विशाखा त्रिपाठी निवासी सेक्टर 10 द्वारका नई दिल्ली, श्यामा त्रिपाठी निवासी सेक्टर 10 द्वारिका नई दिल्ली, कृष्णा त्रिपाठी निवासी सेक्टर 10 नई दिल्ली शामिल हैं,जिनका इलाज चल रहा है।

कौन हैं डॉ.विशाखा त्रिपाठी

डाॅ. विशाखा त्रिपाठी जगद्गुरु कृपालु परिषद (कृपालु धाम, मनगढ़) की अध्यक्ष थीं। वह परिषद जगद्गुरु कृपालु परिषद शिक्षा और जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालय का काम भी देखती थीं। भक्त उन्हें प्यार से बड़ी दीदी कहते थे। उनका जन्म 1949 में कुंडा प्रतापगढ़ के पास एक छोटे से कस्बे लीलापुर में हुआ था। पेंटिंग में विशेषज्ञता के साथ उनके पास कला में मास्टर डिग्री थी। उनके निधन की खबर फैलते ही कृपालु जी के भक्तों में दुख की लहर फैल गई।

वहीं, दूसरी पुत्री डॉ. श्यामा त्रिपाठी जगद्गुरु कृपालु परिषद् (श्यामा श्याम धाम, वृंदावन) की अध्यक्ष हैं। प्यार से भक्त उन्हें मंझली दीदी बुलाते हैं। उनका जन्म राधाष्टमी से एक दिन पहले वर्ष 1954 में मानगढ़ में हुआ था। उन्होंने संस्कृत में पीएचडी किया है, जिसके बाद उन्होंने अपने पिता जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के मार्गदर्शन में वेदों का अध्ययन किया।

इसी तरह तीसरी पुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी जगद्गुरु कृपालु परिषद (रंगीली महल, बरसाना) की अध्यक्ष हैं। भक्त उन्हें प्यार से छोटी दीदी पुकारते हैं। उनका जन्म 1957 में मानगढ़ के पास प्रयागराज में हुआ था। वह आध्यात्मिक ग्रंथों की एक प्रख्यात विद्वान हैं और उन्होंने संस्कृत में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।

शनिवार को जगद्गुरु कृपालु परिषद नें ब्रज क्षेत्र के गरीब संतों और निराश्रित विधवाओं को आवश्यक सहायता प्रदान करते हुए एक भव्य वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। तीनों बहनें इस कार्यक्रम में मौजूद थीं।

इस कार्यक्रम में 14,000 जरूरतमंदों को जीवन-रक्षक वस्तुएं प्रदान की गईं। यह वितरण कार्यक्रम प्रेम मंदिर, वृन्दावन और कीर्ति मंदिर, बरसाना में आयोजित किया गया । मुख्य कार्यक्रम प्रेम मंदिर में आयोजित हुआ जहां पर पांच हजार गरीब साधुओं और चार हजार निराश्रित विधवाओं को राहत सामग्री का वितरण किया गया। इस दौरान बैग, धोती-कुर्ता के दो सेट, पटका, बेडशीट, तौलिया, जैकेट, शॉल, चटाई, डोलू, लोटा और साबुन सहित आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गईं। निराश्रित विधवाओं को दो सेट कपड़े, शॉल, कोट, तौलिये, बेडशीट, डोलू, टब, टॉर्च और साबुन प्रदान किया गया था। मंदिर प्रबंधन के अनुसार सोमवार को बड़ी दीदी डॉ.विशाखा त्रिपाठी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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