अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
बहन से जीजा कर रहा था विवाद, इसी बीच बहन की ढाल बनकर भाई करने लगा बीच-बचाव, इसी से खार खाए जीजा नें साले के सीने में लाइसेंसी पिस्तौल से दाग दी गोलियां और साले की हो गई मौत।
उक्त पूरा मामला सुल्तानपुर जनपद के धनपतगंज थाना क्षेत्र का है, जहां के नरसड़ा ग्राम निवासी लखपती देवी के एक रिश्तेदार की बारात गुरुवार की शाम को महुअरिया स्थित धर्मशाला में आई हुई थी। उसी में शामिल होने के लिए वह अपने पुत्र रमेश चंद्र अग्रहरि 44 के साथ गई थीं। उनकी पुत्री सीमा अग्रहरि अपने पति संतोष कुमार अग्रहरि के साथ शास्त्री नगर के कटहल वाली बाग में किराए के मकान में रहती है। वह अपने बेटे रमेश अग्रहरि के साथ पुत्री के मकान पर शाम को पहुंची।
आरोप है कि उनका दामाद संतोष अग्रहरि अक्सर उनकी पुत्री सीमा देवी को मारता-पीटता व प्रताड़ित करता था। जब वह दोनों संतोष के घर पहुंचे तो वह उग्र हो गया। रात करीब नौ बजे उनके दामाद संतोष अग्रहरि निवासी पुरुषोत्तम पुर थाना जयसिंहपुर से रमेश अग्रहरि की कहासुनी होने लगी। वाद-विवाद में संतोष नें सीमा व उसके बच्चों के सामने ही अपनी लाइसेंसी पिस्टल से रमेश अग्रहरि के सीने में गोली मार दिया और गोली का खोखा व लाइसेंसी पिस्टल लेकर वह घर से फरार हो गया।
घटना के बाद लखपती देवी व सीमा नें पुलिस बुला लिया। रमेश को घायलावस्था में मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की मां नें आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पुत्री को सास मालती देवी, देवर राजेश उर्फ मनोज अग्रहरि व देवरानी सुमन पहले से ही प्रताड़ित करते थे। इस कारण उनकी पुत्री किराये का मकान लेकर रहती थी। मां की तहरीर पर पुलिस नें दामाद संतोष अग्रहरि, उसकी प्रेमिका सान्या यादव, देवर राजेश व देवरानी सुमन के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हत्यारोपी संतोष कुमार अग्रहरि का मकान कूरेभार कस्बा में भी है। मृतक की मां का आरोप है कि संतोष कुमार का अवैध संबंध सान्या यादव निवासिनी लखनऊ से चल रहा है। इसी को लेकर संतोष व सीमा के बीच विवाद होता था। संतोष उनकी पुत्री सीमा को अक्सर मारता पीटता था। एक महीने पहले संतोष ने सीमा को मारने के लिए भी पिस्टल तान दिया था। सीमा के पुत्र कुशाग्र अग्रहरि 13 व पुत्री अंशिका उर्फ दिशा 12 नें पकड़ा नहीं होता तो उनकी पुत्री की उसी समय हत्या हो जाती।
सूचना के अनुसार हत्यारोपी संतोष कोई व्यवसाय नहीं करता है। बताया जा रहा है कि वह प्रापर्टी की दलाली करता था। अक्सर वह तहसील व कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाता रहता था। कुछ भूमाफियाओं के साथ भी उसके संबंध हैं। विवादित भूमि में भी उसका हस्तक्षेप रहता है। बताया जा रहा है कि संतोष अग्रहरि पर कुछ लोगों का बकाया भी है।
मृतक रमेश चंद्र अग्रहरि का एक मकान बैजनाथ कैंप मथुरा रोड, ईश्वर नगर, श्रीनिवास पुरी ईस्ट आफ कैलाश फेज-वन, दक्षिण दिल्ली में भी है। वह अपने मां -बाप का इकलौता पुत्र था तथा वह कैटरिंग का काम करता था। उसकी तीन बहनें हैं, सभी का विवाह हो चुका है। मृतक रमेश की तीन पुत्रियां हैं। बड़ी पुत्री दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल है। दूसरे नंबर पर शिखा हैं, व सबसे छोटी पुत्री चंचल है। रमेश अग्रहरि की असामयिक मौत से पूरा परिवार सदमे में है।
पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंची मृतक रमेश अग्रहरि की मझली पुत्री शिखा अग्रहरि नें कहा कि मेरे पापा निर्दोष थे। वह तो केवल बुआ के घर मिलने गए हुए थे। उनको बिना किसी कारण के फूफा नें गोली मार दी। पापा की हत्या करने वाले को जेल व बेल नहीं होनी चाहिए। हमारे पापा के हत्यारे को सीधे फांसी की सजा मिलनी चाहिए। फिलहाल अभी तक हत्यारोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।