अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
देखने में साफ-सुंदर तथा बड़ी-बड़ी कलियों वाला लहसुन अगर आप सेवन कर रहे हैं तो आप लहसुन नहीं जहर खा रहे हैं। उक्त लहसुन सिंथेटिक जहरीले रसायनों से तैयार कर चीन द्वारा उत्पादित कर दुनिया के कई देशों में बेचा जा रहा है। यह लहसुन साल 2014 से ही भारत में प्रतिबंधित है, लेकिन मुनाफाखोर अधिक कमाई के चक्कर में छोटे-छोटे बाजारों में इसकी खुलेआम बिक्री कर रहे हैं।
चीनी लहसुन देखने में बड़े आकार का, खूब साफ, कम पीला तथा कम दुर्गंध युक्त होता है। यह देसी लहसुन की अपेक्षा छिलने में आसानी से छिला जाता है तथा देसी लहसुन के चार कलियों के बराबर इसकी एक कली होती है। चिकित्सकों के अनुसार सिंथेटिक रसायनों से तैयार उक्त लहसुन गुर्दे, लिवर सहित शरीर के अन्य हिस्सों को बीमारियों से ग्रसित करता है। उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद के अनुसार लहसुन दवा का काम करता है, खासकर ठंडी के मौसम में इसका प्रयोग शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है।
लेकिन वर्तमान समय में देसी लहसुन 400 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है। जिसके कारण बाजार में सस्ता चीनी लहसुन धड़ल्ले से बिक रहा है। चूंकि बड़े शहरों में कभी-कभार खाद्य विभाग द्वारा चेकिंग हो जाता है, इस कारण मुनाफाखोर छोटे-छोटे बाजारों में उक्त प्रतिबंधित चीनी लहसुन का भरपूर बिक्री कर रहे हैं, जो की सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है।