एक अफवाह पर महाकुंभ में मची भगदड़, 17 नें गंवाई जान, चार दर्जन से अधिक लोग घायल, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका

अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी

महाकुंभ 2025 अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। आखिरकार जो पहले आशंका थी वह आशंका मौनी अमावस्या की भोर में दिखाई दे गई। वीआईपी कल्चर में फंसे हुए अधिकारियों की अदूरदर्शिता के कारण घाट के किनारे पोल संख्या 11 से 17 के बीच में उक्त दुर्घटना घटित हुई है। सूचना के अनुसार अचानक एक अफवाह उड़ी की नागा साधु स्नान करने आ रहे हैं इसी भगदड़ में प्रशासन के अनुसार 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक लोग घायल हैं, जिन्हें महाकुंभ प्रशासन नें केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया है।

फिलहाल मृतकों का अभी तक सही आंकड़ा सामने नहीं आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें दुर्घटना के बाद चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टेलीफोन पर वार्ता किया है। इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें पांच कालिदास मार्ग लखनऊ में प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रमुख 13 अखाड़ों नें इस बीच अमृत स्नान न करने का फैसला लिया है। फिलहाल अखाड़ा परिषद के रवींद्र पुरी महाराज के मुताबिक सुबह ग्यारह के बाद सीमित संख्या में अखाड़े अमृत स्नान कर सकते हैं।

अपने एक परिजन को मुंह से सांस देने की प्रयास करती हुई महिला

उत्तर प्रदेश प्रशासन के अनुसार पूर्णतः शांति व्यवस्था के साथ दुर्घटना के बाद लोग स्नान कर रहे हैं। विभिन्न संतों नें आवाहन किया है कि भीड़ के दृष्टिगत लोग संगम तक पहुंचने का प्रयास न करें। जहां ही उन्हें घाट दिखाई दे रहा हो या जो जिस घाट पर हों, वही स्नान कर लें। फिलहाल सूत्रों के अनुसार उक्त दुर्घटना अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुई है, क्योंकि भीड़ का दबाव अधिक था और अधिकारी वीआईपी कल्चर में कई जगह से मार्ग अवरुद्ध करते हुए डाइवर्ट किए हुए थे। फिलहाल पूर्ण शांतिपूर्ण वातावरण में पूरी दुनिया से आए श्रद्धालु मां गंगा में मौनी अमावस्या का स्नान कर रहे हैं।

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