ब्रिज कॉरपोरेशन के लापरवाही की वजह से प्राचीन मंदिर नदी की धारा में हुआ विलीन, ग्रामीणों में रोष व्याप्त

∆•• शिव मंदिर एवं प्राथमिक विद्यालय जल्द हो सकते हैं विलीन

∆•• दो हजार की आबादी हुई असुरक्षित

अजीत पार्थ न्यूज संवाददाता महादेवा बस्ती

जनपद के कुदरहा विकासखंड अंतर्गत कछुवाड़ ग्राम में कुआनों नदी पर उत्तर प्रदेश ब्रिज कॉरपोरेशन द्वारा पुल का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त पुल के निर्माण में लगे हुए इंजीनियरों की लापरवाही की वजह से नदी के किनारे बने हुए प्राचीन काली माता का मंदिर नदी की धारा में समा गया है।

शिव मंदिर तक पहुंचा नदी की धारा 

उल्लेखनीय की वर्तमान समय में कुआनों नदी बाढ़ के कारण विकराल रूप धारण कर ली है। ब्रिज कॉरपोरेशन द्वारा पुल के लिए जो खंबे बनाए गए हैं वह खंबे गांव की सुरक्षा के मानक के विपरीत बने हुए हैं, जिसके कारण नदी का बहाव सीधे मंदिर की नींव पर पड़ते हुए गुरुवार को मंदिर विखंडित होकर नदी की धारा में समाने को आतुर हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर नदी में बाढ़ की स्थिति यही रही तो गांव से तीन चार सौ मीटर पर बने हुए प्राचीन शिव मंदिर एवं प्राथमिक विद्यालय का अस्तित्व भी नदी की धारा में समा जाएगा।

कृपा शंकर पाल 

इस संबंध में गांव के 75 वर्षीय कृपा शंकर पाल का कहना है कि उन्हें पता नहीं है कि कब से यह मंदिर यहां स्थापित है। ग्रामीण आकर यहां पर पूजा पाठ करते हैं, साथ ही अपनी मनौतियों को मांगते हैं, लेकिन ब्रिज कॉरपोरेशन की लापरवाही की वजह से आज हम लोगों की आस्था नदी में समा गई है।

भीम पाल पुत्र योगेन्द्र पाल 

कछुआड़ ग्राम निवासी भीम पाल पुत्र योगेन्द्र पाल का कहना है कि इंजीनियरों के अदूरदर्शी सोच की वजह से गांव के दो हजार आबादी का अस्तित्व संकट में है। पूरे गांव में नदी का पानी फैला हुआ है, जिससे ग्रामीणों को काफी संकट का सामना करना पड़ रहा है।

अशोक पाण्डेय पुत्र तुलसी राम पांडेय 

ब्रिज कॉरपोरेशन के सुरक्षा गार्ड अशोक पाण्डेय निवासी ग्राम सुल्तानपुर, पोस्ट सहपुर भगवली, जनपद बाराबंकी का कहना है कि उनके अस्थाई आवास में भी नदी का पानी भर गया है,सब लोग भाग गए हैं, लेकिन हम भागकर कहां जाएं।

अजीत पाल उर्फ डब्लू ग्राम प्रधान 

इस संबंध में ग्राम प्रधान डब्लू पाल नें रोष जताते हुए बताया कि पूर्वजों नें बताया है कि उक्त मंदिर का निर्माण करीब सौ वर्ष पूर्व गांव के बूद्धू पाल पुत्र राम गुलाम नें करवाया था। उक्त मंदिर पर गांववासियों की इतनी श्रद्धा है कि वह मां से अपनी मनौती मानते थे और मां मनौती पूरी करती थीं, उसके बाद ग्रामीण कढ़ाई चढ़ाते थे, लेकिन कारपोरेशन के मूढ़ इंजीनियर पूरे गांव की श्रद्धा मटियामेट कर दिए।

इस संबंध में ब्रिज कॉरपोरेशन के अभियंता मौके से नदारद हैं।‌ इंजीनियरों की लापरवाही की वजह से प्राचीन मंदिर टूट कर नदी की धारा में समा गया, जिससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि उक्त पुल का निर्माण निवर्तमान विधायक रवि सोनकर की पहल पर कराया जा रहा है।

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