अजीत पार्थ न्यूज बस्ती
बस्ती विकास प्राधिकरण को महायोजना-2031 की स्वीकृति मिल चुकी है। प्राधिकरण नें शुक्रवार से इसका प्रदर्शन भी प्रारंभ कर दिया है। नवीन मास्टर प्लान में अलग-अलग रंगों में भूमि की प्रकृति दर्शाई गई है। बस्ती विकास प्राधिकरण के 151 वर्ग किलोमीटर परिक्षेत्र के नये मानचित्र में निर्माण एवं प्रतिबंधित क्षेत्र का चिह्नांकन किया गया है। नियोजित शहर बसाने के लिए इसी मानचित्र के अनुरूप निर्माण पर अब स्वीकृति प्राप्त होगी।
महायोजना-2031 के अनुसार अपनी जमीन की स्थिति जानने के लिए आप भी प्राधिकरण के कार्यालय जाइए। यहां नवीन मानचित्र के अवलोकन से यह पता चलेगा कि आपकी जमीन किस प्रकृति में चिह्नित है। इसमें 151 वर्ग किलोमीटर परिक्षेत्र के नगर पालिका समेत 217 गांवों की जमीनों का विवरण समाहित किया गया है। इससे यह पता चलेगा कि कौन सी जमीन किस प्रकृति की है। निर्माण क्षेत्र की भूमि भी दो प्रकार में है। वाणिज्यिक और आवासीय निर्माण क्षेत्र अलग-अलग है। वहीं निर्माण के लिए प्रतिबंधित जमीनों में रास्ता, तालाब, जलाशय, डूब क्षेत्र, पार्क, सड़क, हरित क्षेत्र और नजूल की जमीनें शामिल हैं। इन प्रकारों में जमीन होने पर काश्तकार निर्माण नहीं कर सकते हैं। मानचित्र आवेदन के दौरान नवीन मास्टर प्लान से जमीन की स्थिति का पता चल सकेगा। क्षेत्रवार गाटा संख्या के साथ प्रतिबंधित जमीनों का विवरण महायोजना-2031 में दर्ज हैं।
इन जमीनों का हैं ब्योरा
नए मास्टर प्लान में आवासीय, निर्मित क्षेत्र, ग्रामीण आबादी, व्यवसायिक, औद्योगिक, कार्यालय, पार्क एवं खुले स्थल, सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक सुविधाएं, उपयोगिता एवं सेवा क्षेत्र, यातायात एवं परिवहन, कृषि एवं अन्य क्षेत्र की जमीनों का ब्योरा दिया गया है। महायोजना फाइल में गाटा संख्या और रकबा भी दर्शाया गया है।
महायोजना 2031 नगर पालिका समेत 217 गांवों में लागू कर दी गई है। अब यहां अनियोजित निर्माण नहीं हो सकेगा। बिना मानचित्र के निर्माण करने पर बीडीए एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा। शहर के आसपास के इन गांवों में अब निर्माण के लिए उपयुक्त जमीन में मानचित्र स्वीकृति कराकर आवास एवं कामर्शियल निर्माण कराया जा सकता है। इससे नियोजित शहर बसाने का सपना साकार होगा।
बस्ती विकास प्राधिकरण का दायरा अब तीन गुना बढ़ गया है। वर्ष 2016 के अनुसार गठित प्राधिकरण का दायरा 51 वर्ग किलोमीटर में था। इसमें नगर पालिका समेत आसपास के 69 गांव शामिल किए गए थे। प्राधिकरण का पहला मास्टर प्लान महायोजना- 2021 के साथ स्वीकृत हुआ था। दूसरा मास्टर प्लान महायोजना- 2031 के साथ चार वर्ष बाद स्वीकृत हुआ है। इसमें बस्ती विकास प्राधिकरण का दायरा तीन गुना बढ़कर 151 वर्ग किलोमीटर हो गया है। अब नगर पालिका समेत 217 गांव शामिल कर लिए गए हैं।
प्राधिकरण के 151 वर्ग किलोमीटर के नवीन परिक्षेत्र में सेटेलाइट सर्वे के जरिए कुल 1069.54 हेक्टेयर जमीन ग्रीन जोन और पार्क के रूप में चिह्नित है। इसमें तालाब, पोखरे, चारागाह, सरोवर, चकमार्ग जैसी प्रकृति के जमीनों का स्पष्ट उल्लेख है। क्षेत्रवार गाटा संख्या और रकबा के साथ इन प्रकृति की जमीनों का अंकन किया गया है। नवीन मानचित्र में कुल 16 जगहों पर पार्क के रूप में ग्रीन जोन चिह्नित हैं। इसमें गिदही पाॅवर हाउस के पीछे, बस्ती खास, छियुलिया, लखनऊरा, नरहरिया, विशुनपुरवा, खौरहवा, खीरीघाट, लौकियहवा, एपीएन डिग्री कालेज के पीछे, मड़वानगर, मिश्रौलिया, भूअर, अमहट, ढोरिका, बड़ार में पार्क चिह्नित हैं।
प्राधिकरण क्षेत्र में पड़ने वाले हाईवे और कुआनों नदी के किनारे दोनों तरफ 87.5 मीटर की दूरी तक ग्रीन बेल्ट चिह्नित हुआ है। हाईवे के किनारे ग्रीन बेल्ट का दायरा 20 मीटर घट गया है। अब फोरलेन के मध्य से 67.5 मीटर ही ग्रीन बेल्ट आरक्षित किया गया है। वहीं डूब क्षेत्र में कुआनो के तटीय गांव बड़ार, ऊंचीभीटी, ढोरिका, मिश्रौलिया, भैसहिया, भद्रेश्वरनाथ, भूअर सराय, चंदो आदि शामिल है।
महायोजना-2031 के तहत नए मास्टर प्लान का प्रदर्शन शुरू हो गया है। कार्यालय से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर मास्टर प्लान चस्पा कर दिया गया है। इसी के अनुरूप शहरी क्षेत्र का नियोजन किया जाएगा।
संदीप कुमार, एक्सईएन, बस्ती विकास प्राधिकरण