अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
डीएम की आख्या पर भ्रष्टाचार के मामले में पेशकार के बाद उपजिलाधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है। उन पर अधीनस्थों के कार्यों की निगरानी में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है।
पूरा मामला सुल्तानपुर जनपद का है। जहां पर घूसखोर पेशकार के बाद अब उपजिलाधिकारी जयसिंहपुर संतोष कुमार ओझा पर गाज गिरी है। जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए शासन नें उन्हें निलंबित कर जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। उन पर अधीनस्थों के कार्यों की निगरानी में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोसाईं गंज थाना क्षेत्र के माधवपुर छतौना निवासी समरजीत पाल जयसिंहपुर उपजिलाधिकारी कोर्ट में पेशकार थे। मोतिगर पुर के पारस पट्टी निवासी मोहर्रम अली नें विगत 22 नवंबर को उपजिलाधिकारी जयसिंहपुर को सरकारी बंटवारे और स्थगन आदेश के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन पेशकार समरजीत नें इसके बदले 25 हजार रुपये की मांग किया। पहले पांच हजार तुरंत देने और बाकी पैसे बाद में देने की बात हुई।
28 नवंबर को मोहर्रम अली नें एंटी करप्शन टीम को रिश्वतखोरी की सूचना दिया। 29 नवंबर को एंटी करप्शन टीम नें जांच किया तो जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद एंटी करप्शन टीम नें दो दिसंबर को पेशकार समरजीत पाल को पांच हजार रुपये नकद लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया और टीम नें गोसाईं गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
तीन दिसंबर को जिलाधिकारी नें आरोपी पेशकार को निलंबित कर दिया। अभी तीन दिन पहले जिलाधिकारी नें इसी मामले की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए उपजिलाधिकारी को निलंबित किया गया है। जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना नें बताया कि शासन के निर्देश पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। उन पर विभागीय अधीनस्थों के पर्यवेक्षण में लापरवाही का आरोप है।