अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
ग्राहकों को फर्जी रसीद देकर रुपये हड़पने वाले कैशियर को पुलिस नें गिरफ्तार किया है।
पूरा मामला गोरखपुर जनपद का है, जहां के यूको बैंक की शाहपुर शाखा से दस लाख रुपयेे के गबन के आरोपी हेड कैशियर कलीम अहमद को बेलघाट पुलिस नें सिकरीगंज के घुचियारी ग्राम से गिरफ्तार किया है। हालांकि मामले में एक अन्य आरोपी कैशियर का स्वीपर भाई शमीम उर्फ रिंकू अब भी फरार है। उधर, बैंक की गोरखपुर मुख्य शाखा की तरफ से मुकदमा पंजीकृत करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया गया है।
सूचना के अनुसार यूको बैंक शाहपुर में हेड कैशियर के द्वारा गबन का मामला विगत 29 नवंबर को प्रकाश में आया था। उल्लेखनीय है कि गोला थाना क्षेत्र की उंचगांव निवासी राधिका पासबुक प्रिंट कराने बैंक में आई हुई थीं, इसी बीच उन्हें पता चला कि उनके खाते में पैसा ही नहीं जमा हुआ है, जबकि 11 नवंबर को उन्होंने खाते में 43,500 रुपये जमा किए थे, जिसकी जमा पर्ची भी उनके पास मौजूद थी।
उन्होंने शाखा प्रबंधक से हेड कैशियर की मामले की शिकायत किया। इसके बाद जैसे-जैसे लोगों को जानकारी हुई उक्त लोग भी पासबुक अपडेट कराने लगे। एक-एक कर करीब 23 लोगों नें मामले की शिकायत किया। पांच मामलों में बेलघाट पुलिस नें मुकदमा पंजीकृत किया। आरोप है कि कैशियर उपभोक्ताओं से रुपये लेकर उन्हें फर्जी पर्ची थमा देता था।
कुछ लोगों के रुपये फर्जी अंगूठा और हस्ताक्षर से जरिये भी निकालने का आरोप है। इसी बैंक में आरोपी कैशियर का भाई शमीम भी स्वीपर के पद पर काम करता था। उसे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। घटना सामने आने के बाद से दोनों भाई फरार हो गए। पुलिस नें कैशियर को तो दबोच लिया है, पर शमीम की तलाश जारी है।
वर्ष 2004 में कलीम अहमद संविदा पर स्वीपर के पद पर नियुक्त हुआ था। इसके बाद वह चपरासी फिर लिपिक और 2009 में कैशियर बन गया। एक ही जगह लंबे समय तक काम करने से उसकी काफी लोगों से जान-पहचान हो गई। लोग भी उस पर विश्वास कर रुपया और पासबुक देकर चले जाते थे। आरोप है कि अभी तक 23 उपभोक्ताओं से करीब 10 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। पुलिस के साथ बैंक प्रबंधन की टीम भी मामले की छानबीन कर रही है।