अजीत पार्थ न्यूज एजेंसी
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज गोरखपुर में विगत 11 जुलाई को संदिग्ध परिस्थिति में मृत मिले केरल निवासी डॉ.अबीशो डेविड 32 पुत्र डेविड के अंतिम संस्कार के दौरान एक बेहद भावुक और असाधारण क्षण प्रकाश में आया है। डॉ.अबीशो डेविड की नौ माह की गर्भवती पत्नी डॉ.निमिषा नें उसी समय एक बेटी को जन्म दिया,जब अबीशो डेविड का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। उक्त घटनाक्रम पूरे परिवार के लिए आंसुओं और भावनाओं का सैलाब बन गया। सूचना के अनुसार डा.अबीशों के शव के पास एक इंजेक्शन पाया गया था। मामले की जांच के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन नें तीन सदस्यीय टीम गठित कर दिया है। चिकित्सक की मौत के कारणों की जांच चल रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ.अबीशो का शव विगत 11 जुलाई को बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के छात्रावास के एक कमरे में प्राप्त हुआ था। मृतक डॉ.अबीशो डेविड केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम जनपद के निवासी थे। मेडिकल कॉलेज के कमरा नंबर 25-जी में उनका शव तो प्राप्त हुआ किन्तु कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। 12 जुलाई को मृतक डाक्टर के ससुर साल्वे राज और भाई अभिनव गोरखपुर पहुंचे और यहां से उनका शव लेकर वह 13 जुलाई को केरल के लिए रवाना हो गए।
14 जुलाई की सुबह डॉ.अबीशो डेविड की ईसाई रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी कि इसी दौरान उनकी पत्नी डॉ. निमिषा को प्रसव पीड़ा शुरू हो गया। परिजन उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित श्री एविट्टोम थिरुनल मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां पर उन्होंने एक पुत्री को जन्म दिया। परिजनों का कहना है कि डॉ.अबीशो डेविड नें वादा किया था कि वह डिलीवरी के समय पत्नी के पास रहेंगे। डिलीवरी की नियत तारीख 19 जुलाई थी, जिसके लिए उन्होंने पहले ही छुट्टी लेकर फ्लाइट की टिकट भी बुक कर रखा था।
पुत्री के जन्म के बाद जब डॉ. निमिषा होश में आईं तो पति को याद कर रोने लगी। उसनें कहा कि अगर इसके पापा होते, तो सबसे ज्यादा खुश वही होते। अस्पताल में मौजूद रिश्तेदार, परिजन और मेडिकल स्टाफ की आंखें नम थीं। बच्ची को देखने सैकड़ों लोग पहुंचे। ससुर साल्वे राज नें बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
मृतक डॉ.अबीशो डेविड त्रिशूर सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद गोरखपुर में एनेस्थीसिया में पीजी कर रहे थे। शादी के बाद उनकी पत्नी डॉ. निमिषा भी पीजी की पढ़ाई के लिए तिरुवनंतपुरम में स्त्री रोग विभाग में एडमिशन लिया था। दोनों एक साथ नए जीवन की तैयारी कर रहे थे। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि मृतक डॉ.अबीशो डेविड को नींद न आने की समस्या थी।
डॉ.अबीशो डेविड की मौत के बाद मां जूलियट और पिता डेविड गहरे सदमे में हैं। पिता डेविड का कहना है कि 10 जुलाई की रात बेटे से मोबाइल पर बात हुई थी। उस समय सब कुछ ठीक था। बेटे नें पूछा था कि घर आ रहा हूं,आपको कुछ चाहिए तो बताइए। मैंने उसे बस आने को कहा था। मां से बातचीत के दौरान अबीशो डेविड नें बुखार और पैर दर्द होने की बात कही थी। ऐसे में आत्महत्या अगर की तो यह कारण किसी को भी समझ में नहीं आ रहा है।
पत्नी के आठ महीने की गर्भवती होने की वजह से डॉ.अबीशो डेविड नें बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को अवकाश के लिए आवेदन दिया था। उनकी छुट्टी अप्रूव्ड भी हो गई थी।19 जुलाई को डा.अबीशो अपने घर जाने वाले थे। उन्होंने फ्लाइट की टिकट भी बुक कर रखा था। इस बीच उनकी असामयिक मौत की घटना नें सबको हैरत में डाल दिया है। फिलहाल मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस चिकित्सक के मौत की गहनता से जांच कर रही है।