उक्त कांड में बस्ती एवं गोरखपुर जनपद के भी निवासी हैं अभियुक्त
सभी अभियुक्तों को अदा करना होगा दस-दस हजार रुपये जुर्माना
उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद में विगत तेरह साल पहले हुए कारतूस चोरी कांड के 25 में से 24 दोषियों को शुक्रवार को रामपुर न्यायालय के स्पेशल जज विजय कुमार नें दस-दस वर्ष की कैद और दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में 20 पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ के जवान हैं। इसमें से चार सिविलियन हैं। एक आरोपी पीएसी के अवकाश प्राप्त दारोगा यशोदानंदन की मौत हो चुकी है। अदालत ने बाकी सभी को जेल भेज दिया। केस में नौ गवाहों की भूमिका अहम रही है।
रामपुर के सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य के अनुसार सजा पाने वालों पर सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने, चोरी की संपत्ति को कब्जे में रखने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और आर्म्स एक्ट के तहत केस चला। सीआरपीएफ हवलदार विनोद कुमार और वीनेश कुमार को आर्म्स एक्ट में सात-सात साल की सजा और दस-दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है। कोर्ट नें गुरुवार को सभी आरोपियों को दोषी करार देकर जेल भेज दिया था।
और मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाने की बात कही थी। एसटीएफ को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के जवानों के शहीद होने के बाद खुफिया जानकारी मिली थी कि हमले में इस्तेमाल की गईं कारतूस रामपुर से भेजी गई थी। एसटीएफ लखनऊ की टीम नें रामपुर में अप्रैल 2010 में छापेमारी की थी। एसटीएफ नें प्रयागराज निवासी पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदानंदन, सीआरपीएफ के हवलदार विनोद कुमार और विनेश को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से 1.75 लाख की नकदी, खोखा, कारतूस और हथियारों का जखीरा बरामद किया था। इसी दिन मुरादाबाद से पीटीसी में तैनात नाथीराम सैनी को भी गिरफ्तार किया था।
यह था मामला
कारतूस कांड 2010 में हुआ था। एसटीएफ को प्रदेश के कई जिलों से सरकारी आर्म्स के सौदे की सूचना के बाद अप्रैल 2010 में रामपुर के ज्वाला नगर में रेलवे क्रासिंग के पास से मुख्य आरोपी पीएसी के रिटायर्ड दारोगा यशोदानंदन को पकड़ा था। इसी मामले में सीआरपीएफ के विनोद पासवान और विनेश कुमार को भी पकड़ा गया था। एसटीएफ नें तीनों के पास से ढाई क्विंटल खोखा कारतूस और 1.76 लाख रुपए बरामद करने का दावा किया था। बड़ी तादाद में इंसास राइफल समेत हथियार और बारुद बरामद किए गए थे ।
रामपुर के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता क्रिमिनल प्रताप कुमार मौर्य के मुताबिक छापे में यशोदानंदन से एक डायरी मिली थी। जिसमें पुलिस और पीएसी के आर्मोरर के नाम और नंबर लिखे थे। बस्ती, गोंडा और वाराणसी समेत कई जिलों से पुलिस और पीएसी के आर्मोरर को गिरफ्तार किया गया था। जांच के बाद पुलिस नें 27 जुलाई 2010 को चार्जशीट रामपुर कोर्ट में दाखिल की थी। 31 मई 2013 को कोर्ट ने सभी 25 आरोपियों पर आरोप तय कर दिए। एवं हाल ही में 4 अक्टूबर को इस केस में कोर्ट में बहस पूरी हो गई थी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य के मुताबिक 25 लोगों पर आरोप पत्र दाखिल हुआ था। मुख्य आरोपी यशोदानंद की मौत हो चुकी है। जिन 20 पुलिस वालों को सजा सुनाई गई है। जिसमें 6 लोग रिटायर हो चुके हैं। 14 लोग अभी सेवारत है।
इनको हुई सजा
दरोगा यशोदानन्द सिंह, विनोद पासवान, विनेश, नाथीराम, राम कृष्ण शुक्ला, राम कृपाल, शंकर, दिलीप राय, सुशील कुमार मिश्रा, जितेंद्र कुमार सिंह, राजेश शाही, अमर सिंह, वंश लाल, अखिलेश कुमार पांडेय, अमरेश कुमार यादव, दिनेश कुमार द्विवेदी, राजेश कुमार सिंह, मनीष राय, मुरलीधर शर्मा, आकाश उर्फ गुड्डू, विनोद कुमार सिंह, ओमप्रकाश सिंह, रंजय पाल सिंह, लोकनाथ और बनवारी लाल।