रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहा है अध्यात्मिक नगर वाराणसी

अजीत पार्थ न्यूज वाराणसी

देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी वर्तमान समय में रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहा है, विगत डेढ़ महीने से उक्त शहर को पता नहीं किसकी नजर लग गई है कि तकरीबन अधिकांश आबादी रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित बताए जा रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत अक्टूबर महीने से लोगों को पहले ठंड के साथ बुखार आ जा रहा है, उसके बाद दस्त प्रारंभ हो जा रहा है, फिर अचानक बुखार चढ़ते-चढ़ते पूरे शरीर में दाने पड़कर खुजली होने लग रही है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित मरीज को रोगग्रस्त होने के तीन-चार दिनों के बाद शरीर के सारे जोड़ काम करना लगभग बंद कर दे रहे हैं। ऐसी स्थिति पूरे लगभग पूरे शहर में फैली हुई है।

प्रख्यात साहित्यकार डॉ.उमाशंकर चतुर्वेदी “कंचन” के अनुसार चिकित्सक एंटीबायोटिक दवाई देने से मना कर रहे हैं, क्योंकि एंटीबायोटिक दवाओं के देने से रोगी के शरीर में प्रवाहित रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जा रहा है। केवल मात्र बुखार की दवा पैरासिटामोल का लोग प्रयोग कर रहे हैं। स्थिति यह है कि वाराणसी शहर के अधिकांश घरों में उक्त बीमारी का प्रकोप है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उक्त रहस्यमयी बीमारी की चपेट में तीन से चार बार आ चुके हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक उक्त बीमारी से लोगों की दैनिक दिनचर्या प्रभावित हुई है। चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान प्रसारित बीमारी न ही डेंगू है और न ही चिकनगुनिया है, यह कुछ अलग तरीके की ही बीमारी है। लोग शारीरिक रूप से परेशान भले ही हों, लेकिन महादेव की कुछ ऐसी कृपा है कि उक्त बीमारी से मृत्यु दर मात्र दो प्रतिशत है। बुखार से पीड़ित लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि अतिशीघ्र उक्त रहस्यमयी बीमारी से निजात पा सकें।

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