पांच अधिकारियों पर कार्रवाई
पंचायत राज विभाग में बड़ा घोटाला
बस्ती में बहुत कम समय में चर्चा में आईं जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण पर स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत भ्रष्टाचार का बड़ा दाग लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचायत राज विभाग के अंतर्गत जनपद कानपुर देहात में स्वच्छ भारत मिशन योजना ग्रामीण में बड़े फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। उक्त मामले में शासन नें तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जबकि निदेशक पंचायती राज, जिलाधिकारी कानपुर देहात व मुख्य विकास अधिकारी कानपुर देहात को नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण तलब किया गया है। फर्जीवाड़े में 3.72 करोड़ रुपए हड़पने का मामला है।
शासन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में शासन काफी गंभीर है और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत बड़े पैमाने पर कानपुर देहात में फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसके बाद अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह नें इस संबंध में कार्यवाही की है। जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है उनमें उपनिदेशक पंचायत कानपुर मंडल अभय कुमार साहू, तत्कालीन डीपीआरओ कानपुर देहात नमिता शरण, वर्तमान में बस्ती की डीपीआरओ तथा कानपुर देहात के प्रभारी डीपीआरओ अभिलाष बाबू को निलंबित करने की कार्रवाई करते हुए अनुशासनिक कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।
इसके साथ ही पंचायती राज निदेशालय लखनऊ के स्तर पर शिथिल पर्यवेक्षण को लेकर निदेशक पंचायती राज व जिलाधिकारी कानपुर देहात मुख्य विकास अधिकारी कानपुर देहात से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जानकारी के अनुसार, कानपुर देहात में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत खुले में शौच मुक्त ग्रामों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर निर्माण कार्य होने थे। इसके लिए करीब 348 ग्राम पंचायतों को 30 नवंबर 2021 को 6.13 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट जारी की गई थी। यह कैश क्रेडिट लिमिट जुलाई 2022 तक ग्राम पंचायतों को जारी नहीं की गई। 195 ग्राम पंचायतों को 4.9 करोड़ का कैश क्रेडिट लिमिट जुलाई 2022 से नवंबर 2022 के बीच जारी किया गया, लेकिन इसे जिला स्तर से डिस्पैच नहीं किया गया। ग्राम प्रधानों के डिजिटल सिग्नेचर के लिए डोंगल जिला स्तर पर मंगवाया गया और बगैर काम कराए ही उपरोक्त धनराशि वेंडर्स व अलग-अलग फर्म को जारी कर 3.72 करोड़ रुपए गलत तरीके से निकालकर बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया गया। इस पूरे मामले में कानपुर के थाना अकबरपुर में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इसके अलावा 3.72 करोड़ रुपए के अनियमित भुगतान और फर्जीवाड़े के मामले में राज्य स्तर से कानपुर देहात के लिए नोडल कंसलटेंट के रूप में नियुक्त किए गए संजय कुमार चौहान तथा पीएफ विशेषज्ञ राहुल गुप्ता की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
जिला स्तरीय कंसलटेंट विमल श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार की भी सेवा समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा सचिव राजू दुबे को भी निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं।इसी प्रकार डीपीआरओ कार्यालय में तत्कालीन सहायक सुनील कुमार के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
शासन द्वारा अगर सही ढंग से बस्ती जनपद की भी जांच कराई जाए तो इससे बड़ा घोटाला निकल सकता है।
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